उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड भूकम्प जोखिम मूल्यांकन एवं शमन पर मुख्य सचिव की बैठक, नियमित भूकम्प जागरूकता दिवस मनाने पर जोर

देहरादून। मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में शुक्रवार को उत्तराखण्ड भूकम्प जोखिम मूल्यांकन एवं शमन (UERAM) को लेकर बैठक की। बैठक में आईआईटी रुड़की और वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक भी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य का बड़ा भू-भाग भूकम्प की दृष्टि से संवेदनशील जोन-5 में आता है। ऐसे में यूईआरएएम का मुख्य उद्देश्य एक औपचारिक सुरक्षा-संचालित वातावरण तैयार कर भूकम्प से होने वाले मानवीय और आर्थिक नुकसान को न्यूनतम करना होना चाहिए। उन्होंने प्रदेशवासियों को भूकम्प जैसी आपदाओं के लिए जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि राज्य में भूकम्प की मॉक ड्रिल के लिए एक दिन तय कर नियमित रूप से भूकम्प जागरूकता दिवस मनाया जाए। इससे संभावित आपदा की स्थिति में नुकसान को कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यूएसडीएमए द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के साथ विस्तृत एमओयू किया जाए, जिसमें संस्थानों को अलग-अलग गतिविधियों की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

बैठक में सुझाव दिया गया कि वाडिया संस्थान ग्लेशियर लेक पर कार्य करेगा जबकि आईआईटी रुड़की भूकम्प जोखिम मूल्यांकन और शमन पर कार्य कर सकता है। भवन निर्माण में भूकम्प संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए विशेष मापदंड तय किए जाने की भी आवश्यकता बताई गई। मुख्य सचिव ने सीबीआरआई के साथ भूकम्परोधी भवन निर्माण को लेकर एमओयू करने पर बल दिया।

बैठक में सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव श्री आनन्द स्वरूप सहित आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान और सीबीआरआई के वैज्ञानिक मौजूद रहे।

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