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श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर द्वारा धार्मिक अंताक्षरी का आयोजन

दस धर्म के नवें दिन उत्तम आकिंचन धर्म की पूजा

देहरादून 5 सितंबर जैन धर्म के पर्यूषण पर्व के नवें दिन आज उत्तम आकिंचन धर्म की पूजा एवं की गई एवं सभी श्रद्धालुओं ने इसका पालन किया।
आज प्रातः श्री दिगंबर जैन मंदिर माजरा में सर्व प्रथम श्री आदिनाथ भगवान का अभिषेक शांति एवं पूजन किया। इसके पश्चात हस्तिनापुर से पधारे पण्डित प्रमोद शास्त्री ने त्रिलोक महामंडल विधान पूजन कराया। एवं इस धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि
*उत्तम आकिंचन्य धर्म* 🙏

*ममत्व के परित्याग को आकिंचन्य कहते हैं।* *आकिंचन्य का अर्थ होता है मेरा कुछ भी नहीं है।* *घर-द्वार,धन- दौलत, बंधु-बांधव आदि यहाँ तक कि शरीर भी मेरा नहीं है,इस प्रकार का अनासक्ति भाव उत्पन्न होना उत्तम आकिंचन्य धर्म है. सबका त्याग करने के बाद भी उस त्याग के प्रति ममत्व रह सकता है* *आकिंचन्य धर्म में उस त्याग के प्रति होने वाले ममत्व का त्याग कराया जाता है।*
*उत्तम आकिंचन धर्म है*
*परपदार्थों को अपना न मानना और उनसे विमुख होकर, परिग्रह का त्याग करके निज में स्थित होना ही आकिंचन धर्म उत्तम आकिंचन धर्म है!*
सांध्य कालीन कार्यक्रम में श्री जी की आरती की गई एवं पंडित प्रमोद शास्त्री ने उपरोक्त प्रवचन दिए।
एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में जैन धर्मशाला में श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर माजरा समिति के लिए जैन मिलन माजरा शाखा द्वारा भव्य धार्मिक अंताक्षरी का आयोजन किया।जिसमें पांच टीम बनाई गई थी। कार्यक्रम का शुभारंभ आदिनाथ प्रार्थना से किया गया।
कार्यक्रम का संचालन अजय जैन ने किया, अंताक्षरी का संचालन मीता जैन ने किया,अंजलि,प्रिंसी दिव्या ने सहयोग किया,इस अवसर पर उत्तराखंड जैन समाज के अध्यक्ष सुखमालचंद जैन, भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नरेश जैन, क्षेत्रीय मंत्री डॉक्टर संजय जैन, राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री संजीव जैन,जैन मिलन सुभाष नगर के अध्यक्ष गोपाल सिंघल,अल्प संख्यक आयोग के सदस्य डॉक्टर सुरेंद्र जैन,मुकेश जैन,जैन मंदिर माजरा के मंत्री प्रवीण जैन,प्रमोद जैन,अतुल जैन,अनिल जैन,सुनील जैन,वीरा पिंकी जैन,रीना सिंघल,मधु जैन, मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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