घटना से 10 दिन पहले रची गई थी पटकथा, कहासुनी ने लिया हिंसक रूप, चौकी पर हमला कर ग्रामीणों को बनाया गया मोहरा
शामली। ऊन तहसील की चौसाना चौकी पर हुए हमले की जांच कर रही पुलिस एवं एलआईयूं की जांच में कई चौंकने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं, वे इस ओर इशारा करते हैं कि यह कोई अचानक भड़की हुई हिंसा नहीं थी, बल्कि इसकी साजिश पहले से ही रची जा चुकी थी।
करीब 10 दिन पहले की कहासुनी ही इस घटना की पृष्ठभूमि बन बैठी। सूत्रों के अनुसार, 29 जुलाई को चौसाना पुलिस चौकी पर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने हमला बोला, लेकिन यह महज एक सड़क हादसे का गुस्सा नहीं था। इसकी शुरुआत तब हुई, जब चौकी इंचार्ज ज्ञानेंद्र सिंह और दथेड़ा निवासी प्रधानपति राजेंद्र लहरी के बीच एक पुराने मुकदमे को लेकर कहासुनी हो गई थी।
बताया जा रहा है कि राजेंद्र लहरी 10-12 लोगों के साथ चौसाना चौकी पर पहुंचा था और वह उल्टा पीड़ित पक्ष पर कार्रवाई करवाने का दबाव बना रहा था। चौकी इंचार्ज ज्ञानेंद्र सिंह द्वारा इनकार किए जाने पर विवाद इतना बढ़ा कि बात तेज बहस तक पहुंच गई। तभी से राजेंद्र लहरी ने मन में रंजिश पाल ली थी।
इसी बीच 28 जुलाई को जिजौला गांव में एक सड़क हादसे में दो युवकों की मौत हो गई। इस संवेदनशील घटना को राजेंद्र लहरी ने राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए गांव में अफवाह फैला दी कि पुलिस ने गाड़ी और चालक को छोड़ दिया है, जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग थी।
बताया जा रहा है कि राजेंद्र लहरी ने गांव के भोले-भाले और अनभिज्ञ ग्रामीणों को गुमराह कर, चौसाना पुलिस चौकी पर हमले की साजिश रची और उन्हें मोहरे की तरह इस्तेमाल किया।
सूत्रों के अनुसार, इस हमले में शामिल अधिकतर लोग कश्यप समाज से थे, जिन्हें कुछ छुटभैया नेताओं ने भ्रमित कर चौसाना चौकी की ओर भेजा।
29 जुलाई लगभग 10:30 बजे, अचानक करीब 400 से 500 लोगों की भीड़ चौसाना चौकी परिसर में घुस आई। भीड़ ने हंगामा करते हुए चौकी के दस्तावेज इधर उधर फेंक दिए और सामान तितर-बितर कर दिया।
इस दौरान एक पुलिसकर्मी और एक मीडियाकर्मी के साथ मारपीट की गई, जिससे चौकी में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।
थाना प्रभारी ने बताया कि —
किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन चौसाना चौकी पर हमला करने वालों और षड्यंत्र रचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।