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मरने के बाद भी दुनिया देखेंगी सुधीर जायसवाल की आँखे पार्थिव देह भी मेडिकल कॉलेज के छात्रों को शोध के लिए की दान

देहरादून 26 मार्च। हार्ट अटेक के कारण तिलक रोड निवासी 65 वर्षीय सुधीर जायसवाल की शाम सात बजे मृत्यु हो गई, श्री जायसवाल ने अपने नेत्र दान करने का संकलप पत्र भरा हुआ था।
परिवार ने बताया कि भाई की अंतिम इच्छा थी कि शव का इस्तेमाल अन्य व्यक्तियों या मेडिकल छात्रों के लिए किया जाए।
मृतक की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके नेत्र और देह को दून असपताल को दान कर दिया गया।
मृतक के परिजन की अनुमति से दून अस्पताल के
डीएमएस डॉ.एनएस बिष्ट, एसओटीटीओ उत्तराखंड डॉ.अतुल कुमार,डॉ. नवजोत और डॉ. सुशील ओझा प्रोफेसर आई डिपार्टमेंट ने मृतक की दो आंखें रात 10 बजे निकालने की अनुमति दी गई। इसके उपरांत 2 कॉर्निया दून अस्पताल से एसजीआरआर आई बैंक के डॉ.श्रेष्ठा,डॉ.प्रकृति और तकनीशियन ऋषि को दी गई साथ ही मेडिकल कॉलेज के छात्रों के शिक्षण और शोध के लिए भी शव दान किया गया।

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