चौसाना ,(शामली)। जिजौला गांव में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित दो दिवसीय फार्मर रजिस्ट्री कैंप दूसरे और अंतिम दिन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर) के तहत किसानों का डिजिटल पंजीकरण कराने के उद्देश्य से यह कैंप आयोजित किया गया था, लेकिन तकनीकी खामियों और दस्तावेजी त्रुटियों के कारण सैकड़ों किसानों का पंजीकरण अधूरा रह गया।
तकनीकी समस्याएं बनी बाधा
कैंप के दौरान भू-रजिस्ट्रेशन पोर्टल दिनभर तकनीकी दिक्कतों से जूझता रहा। राजस्व विभाग के लेखपाल लोकेश सैनी ने बताया कि किसानों के आधार कार्ड और खतौनी में 50% मामलों में नामों का मेल नहीं बैठा। यह समस्या पंजीकरण में सबसे बड़ी बाधा बनी। उन्होंने कहा, सरनेम मिसमैच की समस्या की रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। समाधान का इंतजार है।
ग्रामीणों ने उठाई मांग
कैंप में बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों और ग्रामीणों ने इस विफलता पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस कैंप को एक दिन और बढ़ाया जाए। ग्रामीण मंजूरा, गय्यूर, वाजिद, सफीक, अकबर, आसक, इनसाद, जानु, असलम, आकिल, इस्लाम और अन्य ने कहा कि तकनीकी खामियों के कारण किसानों का समय बर्बाद हो रहा है। यह कैंप हमारे लिए एक बड़ा अवसर था, लेकिन पोर्टल की धीमी गति और दस्तावेजी समस्याओं ने हमें निराश किया। प्रशासन को इसे बढ़ाकर एक और दिन का समय देना चाहिए।
अधिकारियों का बयान
अधिकारियों ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री अभियान जिजौला में दो दिन के आदेश थे बाकी जिले भर में 31 दिसंबर तक जारी रहेगा। कृषि विभाग के अधिकारी प्रदीप कुमार ने किसानों को योजनाओं और पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी दी। पंचायत सहायक अनीस राणा और अन्य कर्मचारी भी इस कैंप में उपस्थित रहे। अधिकारियों ने कहा कि कैंप की अवधि बढ़ाने का निर्णय जिला प्रशासन करेगा।
अधूरी पंजीकरण प्रक्रिया
कई किसानों ने शिकायत की कि आधार और खतौनी में नामों के असंगत होने के कारण उनका पंजीकरण पूरा नहीं हो सका। इसके अलावा, भू-रजिस्ट्रेशन पोर्टल की तकनीकी समस्याओं ने पंजीकरण प्रक्रिया को धीमा कर दिया।
रिर्पोट : चौसाना से अभिमन्यु चौहान के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।