तथ्यों सहित शिकायती पत्र सौंपने के बावजूद अवर अभियंता का नहीं हुआ स्थानांतरण , जिला पंचायत सहारनपुर से अन्य जिला पंचायत में स्थानांतरित करने की मांग 

0
184

सहारनपुर। जिला पंचायत में पिछले दस वर्षों से लगातार एक ही पटल पर तैनात अवर अभियंता के शासनादेश के विरुद्ध शिकायती पत्र सौंपने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही जिलास्तर अथवा शासन से नहीं होने के कारण शिकायतकर्ता ने पुनः अनुस्मारक पत्र लिखकर जनहित एवं शासकीय तथा नियमों के हित में जांच कराते हुए आवश्यक कार्यवाही करते हुए सम्बंधित कार्मिक का स्थानांतरण जिला पंचायत सहारनपुर से अन्य जिला पंचायत में करने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उपयुक्त विषयक एक आवेदनपत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर, मनोज कुमार सिंह प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश व नरेंद्र भूषण अपर मुख्य सचिव पंचायती राज उत्तर प्रदेश शासन को अनुस्मारक पत्र देते हुए अवगत कराया है कि उनके द्वारा 2 जुलाई 24 को एक शिकायती पत्र के माध्यम से सहारनपुर जिला पंचायत में तैनात अवर अभियंता की तथ्यों सहित शिकायत की थी। उसके बाद 23 जुलाई 2024 को भी पुनः एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था इस पर उचित कार्रवाई न होने के कारण उन्होनें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के आवास पर 21 अगस्त 24 को सभी तथ्यों को संलग्न करते हुए एक प्रार्थना पत्र दिया था और अवगत कराया गया था की शासन के पत्र संख्या 1796 /33-2-16-700 टी.सी.दिनांक 25-9-16 के द्वारा किया गया था। जिसकी अवधि लगभग 10 वर्ष पूरी होने जा रही है ।इतना ही नहीं इस अवर अभियंता द्वारा शासकीय धनराशि के सापेक्ष प्राक्कलन तैयार कर निर्माण कार्यों में भारी अनियमित की गई है, जिसकी शिकायत की गई थी। और शिकायतों का प्रकरण समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुआ था, किंतु उक्त कार्मिक के विरुद्ध कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है । शिकायती पत्र में उक्त कार्मिक द्वारा जो प्राक्कलन तैयार किया जाता है वह शासकीय दरों की बजाय बाजार दरों पर तथा प्राक्कलन में स्थलीय निरीक्षण ना कर प्राप्त प्रस्ताव के अनुसार अनुमानित लंबाई व चौड़ाई अंकित कर प्रस्तुत किए जाते हैं। स्थल पर अधिकतर कार्य पूर्ण मार्ग का हिस्सा छोड़ दिया जाता है, जिसको संशोधित कर प्राक्कलन तैयार कर नापतोल के अनुसार नहीं किए जाते। अपितु सड़क/ मार्ग का हिस्सा छोड़ दिया जाता है, जिसको पुनः संशोधित कर प्राक्कलन तैयार कर दोबारा प्रस्तुत कर निर्माण कार्य कराए जाते हैं ।यह कार्य इनके द्वारा स्वयं न कर प्राइवेट व्यक्ति रखकर कराए जा रहे हैं। साथ ही यह भी देखने में आ रहा है कि उनके द्वारा शासकीय कार्य में रुचि न लेकर राजनीतिक कार्यों में रुचि ली जा रही है। उनके क्षेत्र के सभी कार्य अव्वल दर्जे की ईंटों में होने थे परंतु इन्होंने सभी कार्यों में चटका ईंटों का प्रयोग करते हुए कार्य किया है जो भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। इनका एक प्रकरण ब्लॉक मुजफ्फराबाद के ग्राम पंचायत दतौली मुगल का है ग्राम में सुंदर हेडी जाने वाले मार्ग पर ग्राम पंचायत द्वारा पिछले वर्ष दिसंबर माह में करीब चार लाख रुपए की लागत से इरशाद के घर से जीमेल के घर तक 62 मीटर सीसी रोड बनाई गई थी। जिसका भुगतान इनके द्वारा जिला पंचायत सहारनपुर की धनराशि से ही किया गया है इसका संज्ञान तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी सहारनपुर द्वारा लिया गया और जांच अपर मुख्य अधिकारी को सौंपी गई ।जिस पर समाचार पत्रों में प्रतिदिन उल्लेख करते हुए उच्च अधिकारियों को कार्रवाई करने हेतु लिखा गया ।उक्त जांच आज दिनांक तक भी पूर्ण कर कोई कार्यवाही नहीं हुई। अनेकों ऐसे प्रकरण है जो जांच करने पर सामने आ जाएंगे ,यहां यह भी उल्लेख करना है कि प्रश्नगत कार्मिक उत्तर प्रदेश शासन पंचायती राज अनुभाग दो पत्र संख्या 1796/33-2-16-700/2016 टी.सी. का उल्लंघन करते हुए अभी तक सहारनपुर जिला पंचायत में अवर अभियंता के पद पर तैनात है जो नियमों एवं शासनादेशों के नियमों के प्रतिकूल है। मुख्यमंत्री जी की जीरो टॉलरेंस नीति व पारदर्शी सरकार को तार तार कर रहा है। आखिर शासन प्रशासन कब नींद से जागेगा ? और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर आखिर कब तक मेहरबान रहेगा ?

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी उत्तर प्रदेश।