टिहरी: पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी और अजय पंवार के खिलाफ आपदा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
रविवार को कर्फ्यू के दौरान जिला अस्पताल बौराड़ी के परिसर पर बिना अनुमति धरना देने के मामले पर पुलिस द्वारा ये कार्रवाई की गई। जबकि सागर भंडारी और अजय पंवार जिला अस्पताल बौराड़ी में गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधा देने की मांग पर धरना दे रहे थे।
रविवार को कर्फ्यू के दौरान जिला अस्पताल बौराड़ी की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं और डॉक्टरों के गलत व्यवहार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी और अजय पंवार ने अस्पताल के बाहर चार घंटे का सांकेतिक धरना दिया।
साथ ही उन्होंने ये भी मांग उठाई कि गर्भवती महिलाओं के प्रसव जिला अस्पताल में ही कराया जाए।
सागर भंडारी और अजय पंवार ने कहा कि कोरोना के नाम पर अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ डिलीवरी केस नहीं ले रहे हैं। उन्हें गंभीर स्थिति पर बगैर इलाज के रेफर कर रहे हैं। इससे लोगों में खौफ बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि शनिवार शाम को प्रतापनगर ब्लॉक के ओखालाखाल की राखी देवी प्रसव पीड़ा पर परिजन जिला अस्पताल लाए। जिसके बाद जिला अस्पताल में महिला का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजीटिव आई। जिस पर चिकित्सकों ने महिला को एम्स के लिए रेफर कर दिया।
सागर भंडारी के मुताबिक राखी देवी की स्थिति काफी गंभीर थी. बावजूद इसके उसको उपचार नहीं दिया। जिसके बाद परिजन महिला को चंबा स्थित एक अस्पताल ले गए, जहां महिला का सुरक्षित प्रसव हुआ।
वहीं इस मामले पर नई टिहरी पुलिस थाने के प्रदीप रावत ने बताया कि बिना अनुमति धरना देने पर आपदा एक्ट के तहत सागर भंडारी और अजय पंवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस मामले पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अमित राय का कहना है कि, महिला कोविड पॉजिटिव थी। जिसके बाद अस्पताल की एंबुलेंस से ही महिला को एम्स रेफर किया था। एम्स प्रशासन को सूचित भी कर दिया गया था।
बावजूद इसके परिजन महिला को चंबा अस्पताल ले गए. जिस कारण वहां के मरीज और स्टॉफ को भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।
फिलहाल इस मामले में चंबा अस्पताल को पत्र भेजकर प्रसव कराने वाले स्टाफ को होम आइसोलेशन में भेज दिया है, जबकि अस्पताल को सैनिटाइज किया गया है।
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