देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना महामारी की भयावह स्थिति को देखते हुए सामाजिक संगठन और धार्मिक समुदाय के लोग सरकार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
इसी क्रम में उत्तराखंड मुस्लिम समुदाय, धर्मगुरु और उलेमाओं ने राज्य की सभी मस्जिदों व मदरसों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने का ऐलान किया है।
इसको लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और शहर काजी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर प्रस्ताव देने जा रहे हैं।
मुस्लिम धर्म गुरुओं का कहना है कि कोरोना विकराल रूप ले रहा है। उसको देखते हुए हमने सभी मस्जिदों व मदरसों को कॉविड केयर सेंटर में तब्दील करने का निर्णय लिया है।
साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग एंबुलेंस वाहन और स्वास्थ्य कर्मियों की टीमों की आर्थिक रूप से भी मदद करेंगे।
देहरादून शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि देशभर में कोरोना का कहर सभी तबकों पर कहर बनकर टूट रहा है। ऐसे में इस्लाम धर्म के मुताबिक इंसानियत को जिंदा रखने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग इबादत कर रहे हैं।
कोरोना पीड़ितों को सही समय पर उपचार मिल जाए, इसके लिए मस्जिद और मदरसों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर दिया जाए। इसके लिए वह राज्य सरकार से अपील करने जा रहे हैं।
वहीं, उत्तराखंड की हजारों मस्जिद और मदरसों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने को लेकर राज्यमंत्री शादाब शम्स ने कहा कि कोरोना संकटकाल से निजात पाने के लिए हम सरकार के हर कदम के साथ कदम मिलाकर आगे चलने को तैयार हैं।
मुस्लिम समुदाय न सिर्फ कोविड-19 के लिए इबादत वाली स्थानों को मुहैया कराने जा रहा है, बल्कि प्रदेश भर में अलग-अलग ऐसी टीमें बनाई जा रही हैं, जो एंबुलेंस सुविधा, दवाइयों के साथ-साथ आर्थिक रूप से कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएंगी।