उत्तराखण्ड

डिस्पेंसरी का पुनर्निर्माण न होने से लोगों में रोष

देहरादून:  नगर पालिका मसूरी द्वारा संचालित डिस्पेंसरी भवन का डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी पुनर्निर्माण नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने डिस्पेंसरी भवन की मांग को लेकर पालिका को पत्र लिखा था, लेकिन आज तक पालिका ने पत्र का संज्ञान नहीं लिया। जिससे लोगों में खासा आक्रोश है।

मसूरी लाइब्रेरी के समीप नगर पालिका द्वारा संचालित डिस्पेंसरी को विगत वर्ष पार्किंग निर्माण के लिए ध्वस्त किया गया था। जिसका विरोध स्थानीय लोगों ने पालिका को पत्र देकर किया था।

डिस्पेंसरी भवन के ध्वस्त होने और पार्किंग निर्माण कार्य शुरू न होने की वजह से गांधी चैक और आसपास के क्षेत्र के निवासियों में भारी आक्रोश है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अंग्रेजों के शासनकाल से यहां पर डिस्पेंसरी संचालित की जाती थी। जिसमें दूरदराज के लोग अपना इलाज करवाने के लिए आते थे। डेढ़ वर्ष पूर्व नगर पालिका परिषद द्वारा इसे ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन अब तक इसमें निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया गया है।

उनका कहना है कि इस क्षेत्र में यह एकमात्र डिस्पेंसरी थी, जिसको नगर पालिका द्वारा तोड़ दिया गया है। अब यहां के लोगों को इलाज के लिए उपजिला चिकित्सालय (सिविल अस्पताल) या अन्य स्थानों पर जाना पड़ रहा है। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि डिस्पेंसरी को लेकर उन्होंने 300 लोगों के हस्ताक्षर युक्त एक मांग पत्र नगर पालिका अध्यक्ष को दिया था, जिसमें डिस्पेंसरी के जल्द निर्माण की मांग की थी। लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी डिस्पेंसरी का निर्माण नहीं हो पाया है।

नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोनाकाल में इसका निर्माण नहीं करवाया जा सका। लेकिन जल्द ही यहां पर पार्किंग और एक डिस्पेंसरी का निर्माण कराया जाएगा. साथ ही स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर यहां पर पुनः डिस्पेंसरी संचालित की जाएगी। क्षेत्रीय जनता की मांग को देखते हुए यह कार्य जल्द से जल्द पूरा कर दिया जाएगा।

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