उत्तराखण्डराज्य

लोकसभा में अजय भट्ट का प्रश्न—उत्तराखंड को जल जीवन मिशन का शेष बजट कब? केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने दी विस्तृत जानकारी

नई दिल्ली/देहरादून 04 दिसंबर । पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं नैनीताल-उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री अजय भट्ट ने आज लोकसभा में उत्तराखंड की ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं को लेकर केंद्र सरकार से बड़ा सवाल पूछा। उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से जानना चाहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड को इस वर्ष की बजट राशि अभी तक क्यों जारी नहीं की गई।

अजय भट्ट ने रखी पर्वतीय राज्य की विशेष परिस्थितियाँ

सांसद भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड एक संवेदनशील पर्वतीय राज्य है, जो हर वर्ष आपदाओं और कठिन भौगोलिक स्थितियों की चुनौती झेलता है। उन्होंने बताया कि—

बारिश और हिमपात के कारण यहां कार्य करने के लिए मात्र 4–5 महीने ही उपलब्ध होते हैं।

इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद जल जीवन मिशन की प्रगति उत्तराखंड में संतोषजनक है।

उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि उत्तराखंड को जल जीवन मिशन के तहत शेष बजट शीघ्र जारी किया जाए। भट्ट ने यह भी कहा कि भारत सरकार द्वारा कुछ योजनाओं की बजट राशि “अस्वीकार्य” मानी गई है, उसका कारण भी स्पष्ट किया जाना चाहिए।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का जवाब

उत्तर में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने सदन को अवगत कराया कि—

उत्तराखंड सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जल जीवन मिशन की शेष राशि जारी करने हेतु दो प्रस्ताव भेजे गए हैं।

जल जीवन मिशन के तहत देश के 15 करोड़ घरों तक स्वच्छ पेयजल पहुँच चुका है।
सर्वे में उजागर हुई गड़बड़ियाँ—119 टीमें जांच में लगीं
मंत्री ने बताया कि जल जीवन मिशन में कई राज्यों से गंभीर गड़बड़ियों की शिकायतें मिली हैं। इसी कारण—
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पूरे देश में 119 विशेष टीमें सर्वे कर रही हैं।
अब तक 4000 से अधिक ठेकेदार, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी और कुछ मंत्री भी कार्रवाई के दायरे में हैं।
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को पत्र भेजा गया है।
उत्तराखंड के लिए 90:10 अनुपात में बजट

मंत्री पाटिल ने बताया कि—

उत्तराखंड को जल जीवन मिशन के तहत 90:10 अनुपात में केंद्र से बजट मिलता है।

इस वर्ष का बजट कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द जारी कर दिया जाएगा।
बजट और खर्च का विस्तृत ब्योरा

केंद्रीय मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार—

वर्ष 2019–20 से 2023–24 तक जल जीवन मिशन के लिए देशभर में 208652 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए, जिसका अधिकांश हिस्सा उपयोग में लाया जा चुका है।
उत्तराखंड को अब तक 5193.75 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
राज्य सरकार ने इसके अनुपात में 1260.68 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
IMIS के अनुसार उत्तराखंड की कुल स्वीकृत परियोजना लागत 9735.55 करोड़ रुपए है।
इसमें से 309.5 करोड़ रुपए भारत सरकार ने अस्वीकार्य माना है।
अभी केंद्र द्वारा राज्य को 3568.5 करोड़ रुपए जारी किया जाना शेष है।
यदि अस्वीकार्य राशि घटा दी जाए तो यह शेष योगदान 3289 करोड़ रुपए बैठता है।
इसी शेष बजट निर्गमन को लेकर सांसद अजय भट्ट ने सदन में प्रश्न उठाया था।
यह मुद्दा उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पेयजल योजनाओं की निरंतरता और गति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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