दिव्यांगजन के अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम,

देहरादून ।मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में दिव्यांग व्यक्तियों के विधिक अभिभावक नियुक्त करने को लेकर बृहस्पतिवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक हुई। जिसमें ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त 11 आवेदनों की स्क्रूटनी करते हुए 10 आवेदनों पर समिति द्वारा संस्तुति प्रदान की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन में कई क्षेत्रों में तथ्य व परिस्थितियों के आधार पर कानूनी प्रतिनिधित्व करने की जरूरत होती है। दिव्यांग व्यक्ति को बेहतर सुविधा और विधिक संरक्षक मिल सके, इसके लिए विधिक अभिभावक नियुक्त करते समय सभी पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के विधिक अभिभावक नियुक्त होने पर दिव्यांगों के संरक्षण व देखभाल के साथ उनके जीवन में गुणात्मक सुधार लाने की बात कही। इस दौरान मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति कृष्णा कुटोला, अर्शदीप सिंह, सुनील कुमार भट्ट, अनिल कुमार, मनीष भट्ट, दीप सेठी, मोहम्द फैज अंसारी, पूनम वर्मा, मुनिया शर्मा व राय सिंह को विधिक अभिभावक नियुक्त करने की संस्तुति की गई।
जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने कहा कि राष्ट्रीय न्यास अधिनियम-1999 के तहत मानसिक व बौद्धिक मंदता, मस्तिष्क विकार और विविध विकलांगता से ग्रस्त दिव्यांग व्यक्तियों को 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर कानूनी संरक्षक प्रदान करने का प्रावधान है। जिससे दिव्यांग व्यक्ति के हितों का प्रतिनिधित्व करने, कानूनी रूप से बाध्य कार्यो के निर्णय लेने, निजी देखभाल, संपत्ति का संरक्षण, बैंक खातों का संचालन करने हेतु माता-पिता या परिवार का सदस्य विधिक अभिभावक नियुक्त हो सकते है। दिव्यांग व्यक्ति का विधिक अभिभावक नियुक्त होने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की वेबसाइट thenationaltrust.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। लीगल गार्जियन जो नामित हुए हैं उनको प्रत्येक 6 माह में समाज कल्याण विभाग में फॉर्म सी और फॉर्म डी भरकर जमा करना होगा, जिसमें संपत्ति का विवरण और दिव्यांगजन के स्वास्थ्य का विवरण होता है।
समिति की बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज कुमार शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, डीजीसी राजीव आचार्य, एलडीएम संजय भाटिया सहित दिव्यांगों के अभिभावक मौजूद थे।