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वानर का रूप देने से नाराज नारद ने विष्णु को दिया श्राप, हनुमान धाम पर 56वें रामलीला महोत्सव का विधिवत शुभारंभ, प्रथम दिन नारद मोह लीला का मंचन, हमें श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिएः अरविन्द संगल

शामली। शहर के मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम पर 56वें रामलीला महोत्सव का विधिवत रूप से शुभारंभ हो गया। प्रथम दिन रंगमंच पर नारद मोह लीला का मंचन किया गया। लीला को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।

जानकारी के अनुसार शहर के मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम स्थित रामलीला रंगमंच पर 56वें रामलीला महोत्सव का विधिवत रूप से शुभारंभ हो गया। लीला का उद्घाटन नगर पालिका चेयरमैन अरविन्द संगल व शामली मेडिकल कालेज चेयरमैन मानस संगल ने किया। अरविन्द संगल ने कहा कि वे बचपन से ही हनुमान धाम पर रामलीला देखने के लिए आ रहे है। उनके पिता भी रामलीला के आयोजन में बढ-चढकर हिस्सा लेते थे। आज मेरा सौभाग्य है कि जिस रामलीला को देखकर वे बडे हुए, आज उसी का उद्घाटन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें श्रीराम के आदर्शो को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। मानस संगल ने कहा कि रामलीला का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात है। हनुमान धाम पर होने वाली रामलीला का निरंतर वर्षों से निर्बाध रूप से मंचन होता आया है जिसके लिए मंदिर कमेटी के प्रयास सराहनीय रहे हैं। इसके बाद नारद मोह लीला का शुभारंभ हुआ। लीला में दिखाया गया कि महर्षि नारदजी विचरते हुए हिमगिरी कैलाश पर पहुंचते हैं और एक स्थान पर तपस्या में लीन हो जाते हैं, इससे इंद्र का सिंहासन डोल जाता है। गुप्तचर आकर बताते हैं कि नारदजी तप कर हैं, जिस पर इंद्र को अपना सिंहासन छीनने का डर सताने लगता है। वह कामदेव व अप्सराओं को नारदजी का तप भंग करने के लिए भेजते हैं, लेकिन विफल हो जाते हैं। इससे नारदजी को अभिमान हो जाता है। सभी लोग ब्रह्माजी के पास जाते हैं जो उन्हें भगवान विष्णु के पास भेज देते हैं। भगवान विष्णु विश्व मोहिनी रूप धारण कर नारदजी को मोहित कर देते हैं। इस पर नारद विष्णु से उनका रूप मांगने पहुंच जाते हैं और विष्णु उन्हें वानर का रूप देते हैं। इस पर नारद क्रोधित होकर भगवान विष्णु को ही श्राप देते हैं। नारद का अभिनय आशू निर्वाल, कामदेव का अभिनय पं० निशांत पाठक ने किया। इस अवसर पर मंदिर के प्रधान सलिल द्विवेदी, सचिव राजकुमार मित्तल, उपेन्द्र द्विवेदी, रमेश धीमान, उत्तम नामदेव, आदेश शर्मा, लोकेश वाचस्पति, लाल सिंह लचक, संदीप नामदेव, वंश नामदेव, रवि पाठक, उज्जवल नामदेव, सुनील अरोड़ा टम्मी, आदि उपस्थित रहे।

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।

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