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उत्तराखण्ड बनेगा ‘न्यू टूरिज्म हब’: महाराज

देहरादून 03 सितम्बर । देवभूमि उत्तराखण्ड न केवल आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है, बल्कि प्रकृति, पर्वत और रोमांच का भी अद्भुत संगम है। राज्य में रोपवे विकास के लिये जो समझौता हुआ है वह उत्तराखंड रोपवे युग की एक नई शुरुआत है।

प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक संरचना अनेक अवसरों के साथ-साथ कई प्रकार की चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करती है। दूरस्थ क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों और पर्वतीय पर्यटन स्थलों तक सुगम, सुरक्षित और पर्यावरण-संतुलित पहुँच की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। रोपवे समझौते के माध्यम से हमने निश्चित रूप से उस आवश्यकता की पूर्ति की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) और उत्तराखण्ड सरकार के बीच जो समझौता हुआ है वह न केवल निवेश और अवसंरचना के लिहाज से बड़ा निर्णय है, बल्कि यह हमारी पर्यटन नीति के विजन को मूर्तरूप देने वाला निर्णय है।
रोप-वे विकास समझौते के तहत इस परियोजना में 51% इक्विटी हिस्सेदारी NHLML की और 49% हिस्सेदारी राज्य सरकार की सुनिश्चित की गई है। राजस्व का 90% भाग उत्तराखण्ड में ही पर्यटन, परिवहन एवं गतिशीलता के क्षेत्र में निवेश किया जाएगा। यह परियोजना न केवल पर्यटकों के लिए सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी। यह पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड के लिए एक आदर्श मॉडल बनेगा।

श्री महाराज ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि रोपवे परियोजनाओं का उपयोग केवल धार्मिक स्थलों तक सीमित न रहे, बल्कि ट्रेकिंग मार्गों, साहसिक पर्यटन स्थलों, और सीमावर्ती क्षेत्रों तक भी इसका विस्तार किया जाए जिससे राज्य की सुरक्षा, संवेदनशीलता और पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था, तीनों को बल मिल सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग इस परियोजना के प्रत्येक चरण को पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ पूरा करेगा।

पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि हम उत्तराखण्ड को ‘न्यू टूरिज्म हब’ बनाने की दिशा में अपना दायित्व पूर्ण निष्ठा के साथ निभाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में रेल, सड़क और रोपवे कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सोनप्रयाग-केदारनाथ (12.9 किमी, 24100 करोड़) और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब (12.4 किमी, 2700 करोड़) रोपवे परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। ये परियोजनाएं रोपवे कनेक्टिविटी का विस्तार करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में निश्चित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा के नेतृत्व में राज्य में सभी क्षेत्रों में विकास गतिविधियाँ तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। रोपवे के निर्माण से श्रद्धालुओं को केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा में और भी आसानी होगी।

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