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कर्मचारी ने वीडियो बनाकर की थी आत्महत्या लक्सर टायर फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज

लक्सर 14 अगस्त । टायर फैक्ट्री में काम करने वाले युवक द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने टायर फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मरने से पहले युवक ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। वीडियो में उसने स्थानीय टायर फैक्ट्री में एग्रीमेंट विवाद के चलते परेशान होने की बात कही थी।
लक्सर कोतवाली के ओसपुर गांव निवासी आदेश (35 वर्ष) स्थानीय टायर फैक्ट्री में काम करता था। दो अगस्त को उसने घर से दूर जाकर एक वीडियो बनाया। वीडियो में उसने मानसिक रूप से परेशान होने और आत्महत्या की बात कही। युवक ने वीडियो में टायर फेक्ट्री में एग्रीमेंट के विवाद से दिमाग परेशान होने की बात कही थी तथा इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली थी।
परिजन उसे अस्पताल लेकर गये थे। अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो थी। आदेश का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। वहीं इस बाबत एक वीडियो जारी करते हुए यूनियन अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि, हमारा एक साथी इस एग्रीमेंट की भेंट चढ़ गया है, जो कि काफी हृदय विदारक घटना हुई है। हमारे पास शब्द तो नहीं हैं, मगर हम कहीं ना कहीं इसके जिम्मेदार हैं। आदेश भाई पर कहीं ना कहीं इस तरह का प्रेशर पड़ा, जो उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया।
अशोक कुमार ने सभी साथियों अपील करते हुए कहा कि इस लड़ाई को सब मिलकर लड़ेंगे, मगर इस तरह अपने आप को खत्म करना कोई समझदारी नहीं है। इस काम को करने से पहले अपने परिवार के बारे में और अपने बारे में सोचें और अपने आप को खत्म करना कोई समझदारी नहीं है। उन्होंने सबसे आग्रह किया कि आप लोग समझदारी से काम लें और कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई में साथ खड़े हों।
बता दें कि, यह मामला लक्सर की स्थानीय टायर फैक्ट्री प्रबंधन और फैक्ट्री की कर्मचारी यूनियनों के बीच तीन वर्षीय एग्रीमेंट में वेतन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर 17 मार्च से डेढ़ माह चले आंदोलन के समय का है। लक्सर के किसान विद्यालय इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित की गई महापंचायत में मौजूद जनप्रतिनधियों और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे वक्ताओं ने कहा कि वेतन बढ़ोत्तरी समेत अपनी जायज मांगों को लेकर फैक्ट्री के कर्मचारी 17 मार्च से धरने पर बैठे हैं। लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन उनकी मांगें मानने को राजी नहीं है। शासन और प्रशासन भी फैक्ट्री प्रबंधन के साथ मिलीभगत कर डेढ़ माह बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन पर कोई दबाव बनाने में नाकाम साबित हुआ है। दूसरे दौर की वार्ता के बाद फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों की एग्रीमेंट करने, निलंबित कर्मचारियों को वापस लिए जाने और कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान काटी गई पगार उन्हें वापस देने पर सहमत हो गया। साथ ही टर्मिनेट किए गए तीन कर्मचारियों को कार्य पर वापस लेने के मामले में न्यायालय का निर्णय मानने का भी आश्वासन दिया। वहीं ज्यादातर कर्मचारी वापस कम पर पहुंच गए और फैक्ट्री चालू हो गई। इस बीच टायर फैक्ट्री के कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली।

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