उत्तराखण्डकानून व्यवस्था

उत्तराखंड में थानों को गोद ले रहे आईपीएस अफसर

पुलिसिंग के साथ सुविधाओं और अनुशासन की पहल

देहरादून 24 जून । राज्य में ‘आदर्श थाना’ बनाने की अनूठी पहल चल पड़ी है। ख़ासकर चमोली जिले में यह देखने को मिल रहा है। यहां आईपीएस तृप्ति भट्ट के बदरीनाथ थाना गोद लिए जाने के बाद अब एसपी सीआईडी यशवंत चौहान ने गोपेश्वर थाने को गोद लिया है।
‘आदर्श थाने’ की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक अभिनव और महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत, पुलिस संवर्ग के वरिष्ठ अधिकारी अब अपनी प्रथम नियुक्ति स्थल के किसी एक पुलिस थाने (कोतवाली व थाना) को ‘गोद’ लेकर उसे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने और उसकी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने का कार्य करेंगे। इसी महत्वपूर्ण क्रम में, वर्तमान में एसपी सीआईडी के पद पर तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी यशवंत चौहान ने इस पहल में आगे बढ़कर जनपद मुख्यालय स्थित थाना गोपेश्वर को गोद लेने का निर्णय लिया है। यशवंत चौहान का चमोली जनपद से गहरा जुड़ाव रहा है; वे वर्ष 2019 से 2021 के बीच इसी जनपद में पुलिस अधीक्षक के तौर पर नियुक्त रहे थे।जनपद चमोली में अपनी पूर्व की तैनाती के दौरान भी यशवंत चौहान पुलिस कल्याण और विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई उल्लेखनीय और सराहनीय कार्य कर चुके हैं, जिनकी छाप आज भी महसूस की जाती इसी सुधार की भावना के साथ, उन्होंने गोपेश्वर थाने को ‘आदर्श थाने’ के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठाया है।
‘आदर्श थाना’ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत यशवंत चौहान आज गोपेश्वर पहुंचे। उन्होंने थाना गोपेश्वर के सम्पूर्ण परिसर का गहन भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से पुरुष एवं महिला बैरक तथा एसएसआई रूम जैसे महत्वपूर्ण भवनों का जायजा लिया। इन संरचनाओं के उच्चीकरण) और आवश्यक सुधार कार्यों को लेकर उन्होंने पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार व संबंधित जेई से मौके पर ही विस्तृत सुझाव मांगे, ताकि थाना गोपेश्वर को एक आधुनिक और सुविधाओं से युक्त ‘आदर्श थाना’ बनाया जा सके और पुलिस कर्मियों के लिए एक उन्नत एवं सहज कार्य वातावरण तैयार हो सके।
इस महत्वपूर्ण निरीक्षण और चर्चा के दौरान, थानाध्यक्ष गोपेश्वर विनोद चौरसिया के साथ-साथ स्थानीय पत्रकार और विभिन्न समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। सभी ने इस पहल की मुक्त कंठ से सराहना की और इसे पुलिस व्यवस्था में गुणात्मक सुधार की दिशा में एक अत्यंत सकारात्मक कदम बताया।

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