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नाबालिग बालिका के अपहरण मामले में पिता गिरफ्तार, बेटा फरार

हरिद्वार 17 जून। नाबालिग बालिका के अपहरण मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने अपहणकर्ता के पिता को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि मामले में उसका अपहरणकर्ता बेटा फरार है जिसकी तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार बीते 15 जून को ज्वालापुर निवासी एक व्यक्ति द्वारा कोतवाली ज्वालापुर में तहरीर देकर बताया गया था कि आकाश व उसके पिता ने उनकी 14 वर्षीय नाबालिक बेटी की साजिश रचकर अपहरण कर लिया गया है। मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गयी है। नाबालिक बच्ची के अपहरण से जुड़े इस गंभीर मसले पर कार्यवाही के लिए जुटी पुलिस टीम ने नामजद आरोपी गोपाल प्रसाद को घटना में षड्यंत्र कर भागने में सहयोग करने के संबंध में हिरासत में लिया गया। आवश्यक कार्रवाई के बाद आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहंा से उसे जेल भेज दिया गया है। वहीं अब पुलिस टीम अपहरण के मुख्य आरोपी आकाश एवं नाबालिग बालिका की तलाश में जुटी हुई हैं।

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विजनिंग अभ्यास सभी सरकारी विभागों के लिए मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिएः सीएस
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन एवं सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह ने विकसित उत्तराखण्ड विजन 2047 कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्रतिभाग किया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि विजनिंग अभ्यास सभी सरकारी विभागों के लिए मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान के लिए एक योजना नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक निवेश है। उन्होंने दीर्घकालिक नीति को आकार देने और लागू करने में सरकारी अधिकारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सेतु आयोग, यूएनडीपी के साथ मिलकर इसके परिभाषित मापदंडों और मापने योग्य परिणामों को महत्त्वपूर्ण ढांचा प्रदान करेगा। सेतु आयोग के सीईओ श्री शत्रुघ्न सिंह ने एक व्यापक आर्थिक परिप्रेक्ष्य पेश किया। उन्होंने पूंजी निवेश, वैश्विक तकनीकी अपनाने और समावेशी विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे उत्तराखण्ड के निम्न-मध्यम आय वाले राज्य से उच्च आय वाले राज्य में परिवर्तन की कुंजी बताया।
इस अवसर पर सचिव नियोजन डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी ने विजनिंग अभ्यास के दौरान प्रतिभागियों की चर्चाओं को मार्गदर्शन और प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य क्षेत्रों में विभिन्न बेंचमार्क प्रस्तुत किए। यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित करने के लिए क्रॉसकृसेक्टोरल कार्य समूहों द्वारा चिन्हित 218 से अधिक “सिग्नल्स – उभरते संकेतक और रुझान“ को संरचना और प्राथमिकता निर्धारित करना था। ये सिग्नल्स जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढांचा विकास, अर्थव्यवस्था और रोजगार, स्थानीय स्वकृशासन को सशत्तफ बनाने, वित्त, सुरक्षा, शांति और न्याय जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करते हैं, जो एक व्यापक और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

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