उत्तराखण्ड

अस्पतालों में ओपीडी बंद, मरीजों को करना पड़ रहा परेशानियों का सामना

-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किया अस्पताल के बाहर हंगामा 

 -पीपीपी मोड संचालकों से मांगा गया स्पष्टीकरण:सीएमएस

रामनगर:  सरकारी अस्पताल में अचानक ओपीडी सेवाएं बंद किये जाने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों की परेशानियों के देखते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह को ज्ञापन भेज अस्पताल को तत्काल पीपीपी मोड से बाहर करने और कोविड-19 अस्पताल बनाने की मांग की।

रामनगर के सरकारी अस्पताल में ओपीडी बंद होने के चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि, अस्पताल में कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव आ गया था। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में सैनिटाइज करने को लेकर ओपीडी बंद कर दी थी।जिससे मरीज और तीमारदारों को बहुत मुश्किलों सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस का आरोप है कि, सरकार ने अस्पताल में बेहतर सुविधाएं व गरीब मरीजों को सस्ता इलाज कराने के मकसद से इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया था, लेकिन जब से इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया है, तब से अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था और ज्यादा खराब हो गई है। सोमवार को ओपीडी बंद होने की सूचना पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।

पूर्व प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बदहाल होती जा रही है। यहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कोविड-19 के नाम पर परेशान किया जा रहा है। साथ ही मरीजों को यहां से सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर किया जा रहा है, लेकिन वहां पर भी मरीजों को बेड न होने की बात कहकर उन्हें वापस भेजा जा रहा है।

उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई और अस्पताल में कोविड-19 बनाने के साथ ही यहां पर ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

उन्होंने कहा कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो जनता को साथ लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं, इस मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ. मणि भूषण पंत ने बताया कि ओपीडी बंद होने को लेकर पीपीपी मोड संचालकों का स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 खोलने को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

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