रामनगर।ं खनन माफियाओं ने पकड़े गए डंपर छुड़ाने के लिए वन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया। हालात बेकाबू होते देख वन विभाग की टीम को गोलियां चलाई पड़ी। जिसके चलते दो डंपरों को रोका जा सका, लेकिन माफिया फरार होने में कामयाब हो गई। वहीं, दोनों डंपरों को कब्जे में ले लिया गया है।
उधम सिंह नगर के तराई पश्चिमी वन प्रभाग क्षेत्र में खनन माफियाओं की हिम्मत इस कदर बढ़ गई कि उन्होंने वन विभाग की टीम को घेर कर जबरन डंपर छुड़ाने की कोशिश की। वन विभाग की टीम अवैध खनन पर नजर रखने के लिए सुल्तानपुर पट्टी में गश्त कर रही थी। इसी दौरान टीम ने दो डंपारों को रोका। जब इन डंपरों की जांच की गई तो पाया गया कि इनके पास न तो कोई रॉयल्टी थी, न ही खनन से जुड़ा कोई वैध कागजात।
ऐसे में वन विभाग की टीम ने दोनों डंपरों को जब्त कर एक को बन्नाखेड़ा रेंज और दूसरे को पट्टी ले जाने की कार्रवाई शुरू की, लेकिन जैसे ही टीम रतनपुरा गांव के पास पहुंची. तभी अचानक कुछ गाड़ियां स्कॉर्पियो, थार और बाइक रास्ता रोककर खड़ी हो गई। बताया जा रहा है कि ये गाड़ियां डंपर मालिकों और उनके साथियों की थी।
प्रकाश आर्या, डीएफओ, तराई पश्चिमी ने बताया कि उनकी टीम ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन वो झगड़ा करने पर उतारू हो गए। उनके स्टाफ से धक्का-मुक्की की गई और डंपर जबरन छुड़ाने का प्रयास करने लगे। हालात बिगड़ते देख वन विभाग की टीम ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, लेकिन खनन माफियाओं की हिम्मत इतनी बढ़ चुकी थी कि उन्होंने रुकने से ही इनकार कर दिया। ऐसे में स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख एसडीओ ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से डंपरों के टायरों पर गोली चला दी। जिससे डंपर मौके पर ही रुक गए और माफिया का मंसूबा नाकाम हो गया।