देहरादून 4 फरवरी। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने केंद्रीय बजट को इसे सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मूलमंत्र पर आधारित, विकसित भारत निर्माण का दस्तावेज बताया। यह उत्तराखण्ड सहित प्रत्येक राज्य के विकास को गति प्रदान करने में सहायक होगा। साथ ही कहा, गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी यानि ज्ञान के संकल्प को केंद्र में रखते हुए हम भी प्रदेश का विकास करेंगे।
पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय बजट को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री अग्रवाल ने विस्तृत से बजट के सभी बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी जी के भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के संकल्प को तेजी से पूर्ण करने वाला यह बजट है। इसमें जिस प्रकार से गरीब के लिए, युवाओं के लिए, अन्नदाता के लिए या नारियों के लिए अर्थात ज्ञान के सिद्धांत पर फोकस किया गया है। सामान्य तौर पर यदि बात करें तो कृषि, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सभी वर्गों के कल्याण की चिंता इसमें की गया है। माध्यम और नौकरी पेशा वर्ग की इनकम टैक्स छूट को 7 लाख से बढ़ाकर सीधा 12 लाख करना ऐतिहासिक और उनकी दशा दिशा बदलने वाला है। आज चारों तरफ आम लोग इस बजट से बेहद उत्साहित और प्रसन्न है। यही वजह है कि देश की तरह समस्त प्रदेशवासी भी इस विकास और जनकल्याणकारी बजट के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री मोदी जी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त कर रहे हैं।
इस दौरान वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट को विस्तार से बताया कि यह केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है। पिछले 10 वर्षों में प्रत्येक बजट ने सुधार और विकास की रणनीतियों को परिभाषित किया है। आज, भारत प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा और समावेशी विकास को अपनाते हुए वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। बजट 2047 में तक देश को विकसित देश बनाने के महान उददेश्य की पूर्ति के लिए एक सशक्त साधन है।
यह बजट पूरे देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरा है। एक ओर वेतनभोगी, पेंशनर्स एवं मध्यम आय वर्ग प्रसन्न है वहीं दूसरी ओर उद्योग, स्टार्टअप एवं पर्यटन का नई उम्मीद मिली है। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पूरी तरह से टैक्स फ्री होगी जिससे निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। सीनियर सिटिजन के लिए ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स डिडक्शन को दो गुना करते हुए 1 लाख रुपये कर दिया है. वहीं, रेंट पर टीडीएस के लिए लिमिट 6 लाख कर दी गई है। वहीं आम जनता के लिए भी राहत की खबर इसमें है। लिथियम बैटरी, टीवी समेत इलेक्ट्रानिक प्रोडेक्ट, इलेक्ट्रानिक कारें, मोबाईल सस्ते होने की घोषणा हुई है।
यह बजट ज्ञान अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण का बजट है। सबसे पहले गरीब, निर्धन लोगों के कल्याण के लिए कुछ विशेष प्रावधान की बात करें तो, पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार किया गया है। स्ट्रीय वेंडर्स के लिए ऋण सीमा बढाकर 30,000 रूपये करने का प्रस्ताव है, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को बढाने में मदद मिलेगी। अगले 5 वर्षों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों को टर्म लोन प्रदान करने का प्रस्ताव है, जिससे उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढावा मिलेगा।
इसी प्रकार युवा कल्याण के लिए कुछ मुख्य बजट प्रावधानों की चर्चा करें तो, युवाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 10,000 करोड रूपये का फंड आफ फंडस स्थापित किया गया है। अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित किये जाने की घोषणा से छात्रों में नवाचार और वैज्ञानिक सोच को बढावा मिलेगा। अगले तीन वर्षों में भारतनेट परियोजना के तहत सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को ब्राॅडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी, जिससे डिजिटल शिक्षा को बढावा मिलेगा। शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (AI) को बढावा देने के लिए 500 करोड रूपये के परिव्यय से उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किये जायेंगे।
प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना का विस्तार किया गया है। अगले पांच वर्षों में आईआईटी और आईआईएससी में तकनीकी अनुसंधान के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएगी जिससे उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढावा मिलेगा।
अन्नदाता कल्याण मे प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में मौजूदा योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से कृषि उत्पादन बढाने का लक्ष्य रखा गया है जिससे लगभग 1.7 करोड किसानों को लाभ होगा। किसानों की वित्तीय सहायता बढाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है। तूर, उडद और मसूर जेसी दालों पर विशेष ध्यान देते हुए, सरकार ने 6 वर्षीय ’’दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरूआत की है। नेफेड और एनसीसीएफ जैसी केन्द्रीय एजेंसियाॅ अगले 4 वर्षों में किसानों से ये दाल खरीदेगी। कपास की खेती की उत्पादकता और स्थिरता में सुधार लाने के लिए 5 वर्षीय कपास उत्पादकता मिशन की घोषणा की गई है। इस मिशन का उद्देश्य कपास की पैदावार में वृद्धि करना, किसानों की आय में सुधार लाना, और कपास उत्पादन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करना है।
नारी कल्याण के लिए बजट में किये गये अनेकों प्रावधानों किए गए हैं, जैसे जेंडर बजट में महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए 4.49 लाख रूपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष के 3.27 लाख करोड रूपये से 37.25 प्रतिशत अधिक है। कुल केन्द्रीय बजट में जेंडर बजट का हिस्सा बढकर 8.86 प्रतिशत हो गया है जो पिछले वर्ष 6.8 प्रतिशत था। सरकार पहली बार व्यवसाय शुरू करने वाली 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रूपये तक के टर्म लोन की सुविधा प्रदान करेगी। महिलाओं और बच्चों के पोषण को मजबूत बनाने के लिए सक्षम आंगनबाडी और पोषण 2.0 योजनाओं की शुरूआत की जायेगी, जिसके तहत 8 करोड़ बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं, माताओं और 20 लाख किशोरियों को पोषण समर्थन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बजट में ज्ञान के लिए किये गये ये प्रावधान उत्तराखण्ड पर भी लागू होते हैं। कुछ मायनों में तो अन्य राज्यों से ज्यादा ही लागू होते हैं। उत्तराखण्ड के विशेष परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय बजट पर चर्चा करें तो,
प्रदेश के राजस्व प्राप्ति में केन्द्रीय सहायता महत्वपूर्ण होती है। यह हमें मुख्यतः तीन रूपों में प्राप्त होता है। केन्द्रीय करों (Income tax, corporate tax, custom and excise duty आदि) में राज्य का अंश, 15वें वित्त आयोग से सम्बन्धित अन्य अनुदान जैसे स्थानीय निकायों को अनुदान, एसडीआरएफ को अनुदान आदि। केन्द्र पोषित योजनाओं (जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय आयुष मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि) में राज्य को प्राप्त होने वाला अनुदान। इस वर्ष के संसोधित अनुमान में केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा लगभग 14384 करोड रूपये बताया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु केन्द्रीय बजट में यह राशि लगभग 13943 करोड रूपये थी। इससे इस वर्ष प्रदेश को लगभग 440 करोड़ रूपये अतिरिक्त मिलेंगें। आगामी वर्ष हेतु केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा लगभग रू0 15902 करोड है। यह इस वर्ष के संसोधित अनुमान से लगभग रू0 1518 करोड़ अधिक है। राज्य के लिए यह राशि अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
वहीं 15वें वित्त आयोग से सम्बन्धित योजनाओं में इस वर्ष के संसोधित अनुमान की तुलना में उल्लेखनीय वृद्वि हुई है। इससे राज्य को लाभ मिलेगा। एसडीआरएफ के लिए सहायता अनुदान को बढाकर 21,575 करोड रूपये किया गया है। यह इस वर्ष के संसोधित अनुमान 20,550 करोड रूपये से 1025 करोड़ रूपये अधिक है। स्थानीय निकायों के लिए अनुदान (शहरी निकाय) को बढाकर 26,158 करोड रूपये किया गया है। यह इस वर्ष के संसोधित अनुमान रू0 21,000 करोड रूपये से 5158 करोड़ रूपये अधिक है। स्थानीय निकायों के लिए अनुदान (ग्रामीण निकाय) को बढाकर 48,573 करोड रूपये किया गया है। यह इस वर्ष के संसोधित अनुमान रू0 45,000 करोड रूपये से 3573 करोड़ रूपये अधिक है। स्वास्थ्य क्षेत्र हेतु अनुदान को बढाकर 15,272 करोड रूपये किया गया है। यह इस वर्ष के संसोधित अनुमान रू0 10,225 करोड रूपये से 5047 करोड़ रू0 अधिक है।
राज्यों के पूंजीगत विकास के लिए रू0 1.5 लाख करोड कर्ज का प्रावधान किया है। यह इस वर्ष के संसोधित अनुमान रू0 1,25,000 करोड से रू0 25,000 करोड़ अधिक है। विगत दो वर्षों में इस ब्याजमुक्त योजना से हमारे राज्य को बढा लाभ मिला है। वर्ष 2022-23 में 1124 करोड़ रूपये तथा 2023-24 में लगभग 1911 करोड़ रूपये इस मद में प्राप्त हुए हैं। इस वर्ष भी लगभग 2000 करोड़ रूपये प्राप्त होने की उम्मीद है। वर्तमान संसोधित अनुमान से 25000 करोड़ रूपये अधिक होने से आशा की जाती है कि आने वाले वर्ष में इस वर्ष से अधिक राशि प्राप्त होगी। यह प्रदेश में पूंजीगत विकास के लिए यह एक महत्वपूर्ण योजना है
अनेक केन्द्र पोषित योजनाओं में संसोधित अनुमान की तुलना में अधिक बजट प्रावधान हुआ है। इससे इन योजनाओं में राज्य को अधिक अनुदान मिलने की सम्भावना है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 8500 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 6000 करोड़ रूपये से 2500 करोड़ रूपये अधिक है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अन्तर्गत 616 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 100 करोड़ रूपये से लगभग 516 करोड़ रूपये अधिक है। कृषि उन्नति योजना के अन्तर्गत 8000 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 7106 करोड़ रूपये से लगभग 894 करोड़ रूपये अधिक है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत 1275 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 1046 करोड़ रूपये से 229 करोड़ रूपये अधिक है। समग्र शिक्षा के अन्तर्गत 41250 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 37010 करोड़ रूपये से 4240 करोड़ रूपये अधिक है। प्रधानमंत्री शिक्षा पोषण शक्ति निर्माण के अन्तर्गत 12500 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 10000 करोड़ रूपये से 2500 करोड़ रूपये अधिक है।
पीएम स्कूल फाॅर राइजिंग इण्डिया के अन्तर्गत 7500 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 4500 करोड़ रूपये से 3000 करोड़ रूपये अधिक है। प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के अन्तर्गत 1815 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 895 करोड़ रूपये से 920 करोड़ रूपये अधिक है।
सक्षम आंगनबाडी एवं पोषण 2.0 के अन्तर्गत 21960 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान लगभग 20071 करोड़ रूपये से लगभग 1889 करोड़ रूपये अधिक है।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत लगभग 1914 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान लगभग 909 करोड़ रूपये से लगभग 1005 करोड़ रूपये अधिक है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत लगभग 1063 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 765 करोड़ रूपये से लगभग 298 करोड़ रूपये अधिक है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अन्तर्गत 19794 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 13670 करोड़ रूपये से 6124 करोड़ रूपये अधिक है।
प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 के अन्तर्गत 3500 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 1500 करोड़ रूपये से 2000 करोड़ रूपये अधिक है।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अन्तर्गत 5000 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है जो इस वर्ष के संसोधित अनुमान 2159 करोड़ रूपये से लगभग 2841 करोड़ रूपये अधिक है।
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने बजट-पूर्व सम्मेलन में 11 बिन्दुओं का निवेदन किया था। चूंकि हमारी प्रेरणा का स्रोत केन्द्र सरकार है इसीलिए हमारे अनुरोध के बिन्दुओं का समावेश बजट में दिख रहा है। जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत अवशेष कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया था। हमारे अनुरोध को स्वीकार करते हुए इसे 2028 तक बढाया गया है। इससे राज्य में अवशेष कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जा सकेगा तथा परियोजना का व्यय भार का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
हमने प्रदेश में रेलवे संयोजकता के विस्तार का भी निवेदन किया था। यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि केन्द्रीय बजट में उत्तराखण्ड में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 4641 करोड रूपये का बजट आवंटित किया गया है। यह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल को आवंटित बजट से कहीं अधिक है। इससे उत्तराखण्ड में चल रही परियोजनाओं के निर्माण को रफ्तार मिलेगी। 63 किमी0 लम्बी किच्छा-खटीमा रेल लाइन के लिए 228 करोड रूपये की व्यवस्था की गई है। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से न सिर्फ प्रदेशवासियों को लाभ मिलेगा, बल्कि देश-विदेश से आने वाले करोडों पर्यटको के लिए पर्यटन-तीर्थाटन के नए रास्ते खुलेंगें। इसके अतिरिक्त रेल बजट में उत्त्राखण्ड के 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए बजट की व्यवस्था की गयी है। देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुंआ जंक्शन, रामनगर, रूडकी, टनकपुर के रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन बनाने को 147 करोड रूपये मिले है।
इसी तरह कुछ और घोषणाएं भी प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। जैसे 125 शहरों के लिए नई उडान योजना की घोषणा से उत्तराखण्ड की कनेक्टिविटी बढेगी। अगले 3 साल में सभी जिलों में कैंसर सेंटर बनाने से प्रदेश में चिकित्सा सेवा को विस्तार मिलेगा। कैंसर की दवाएं सस्ती होने की भी घोषणा की गई है। इंडिया पोस्ट को एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में परिवर्तित करने से उत्तराखण्ड के दूर-दराज क्षेत्रों में पोस्ट आफिस के माध्यम से आर्थिक गतिशीलता बढेगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए एमएसएमई क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने की घोषणा की गई है।
कुल मिलाकर बजट का सार है, विकास में तेजी लाना, समावेशी विकास सुनिश्चित करना, बढते मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना एवं निजी क्षेत्र में निवेश को प्रेरित करना। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह बजट आर्थिक गतिशीलता बढाने एवं समृद्वि लाने का एक सशक्त माध्यम है। यह 2047 तक देश को विकसित देश बनाने के प्रयासों के अनुरूप है। यह उत्तराखण्ड सहित प्रत्येक राज्य के विकास को गति प्रदान करने में सहायक होगा।
प्रदेश के बजट को लेकर पूछे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, विगत वर्ष की तरह हम केंद्र का अनुसरण करते हुए ज्ञान शब्द के सार से जुड़े समाज को फोकस करते हुए योजना बना रहे हैं। इस संबंध में तमाम स्टेट होल्डरों से हमने चर्चा की है और जो भी सुझाव आए हैं उनके आधार पर प्रदेश में भी जन कल्याण के कामों को समग्र विकास के साथ आगे बढ़ाएंगे। सभी स्टेट होल्डर ने अपने-अपने विषय रखें कुछ ने मौखिक रूप से और कुछ ने लिखित रूप में अपने सुझाव दिए हैं। सबका संकलन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 7 या 9 फरवरी तक बजट के लिए आए प्रस्ताव, सुझाव, संवाद आदि से संकलित विषयों की समीक्षा कर ली जाएगी।
प्रदेश के बजट सत्र लोकर उन्होंने कहा, अभी उसकी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। पूर्व में ही कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में अधिकार दिए हुए हैं। लिहाजा जैसे ही वह अंतिम निर्णय लेंगे, सरकार के सुझाव अनुसार विधानसभा अध्यक्ष तारीख निश्चित कर देगें। इस संबंध में हम 15 फरवरी तक सभी तैयारी पूर्ण कर लेंगे।