देहरादून 25 नवंबर । शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत संस्कृत के प्राथमिक विद्यालयों को मान्यता देने संबंधी मान्यता समिति की प्रथम बैठक में निदेशक डॉ आनंद भारद्वाज अचानक पहुंच गए।
दरअसल राजधानी में सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के कार्यालय में संस्कृत के प्राथमिक विद्यालयों को मान्यता देने संबंधी राज्य में पहली बार गठित पहली बैठक आयोजित की गई जिसमें जिलाधिकारी देहरादून की तरफ से जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक प्रेम कुमार भारती, मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा नामित सदस्य के रूप में खंड शिक्षा अधिकारी विकास नगर अवनींद्र बड़थ्वाल एवं उपनिदेशक संस्कृत शिक्षा पद्माकर मिश्रा पहुंचे बैठक शुरू ही हुई थी कि अचानक निर्देशक डॉ आनंद भारद्वाज भी पहुंच गए जिससे सहायक निदेशक के शिविर कार्यालय सहित मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हलचल हो गई।
राज्य की प्रथम बैठक में निदेशक के पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शासन द्वारा हाल ही में मान्यता समिति के सचिव बनाए गए डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने उन्हें पुष्पगुच्छ एवं अंग वस्त्र भेंट करते हुए कहां कि डॉक्टर भारद्वाज के कुशल निर्देशन के परिणाम स्वरूप संस्कृत विद्यालयों को पहली बार प्राथमिक स्तर पर मान्यता देने के लिए बैठक हो रही है।
समिति के सदस्यों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए निदेशक डॉक्टर भारद्वाज ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रति बहुत गंभीर है, और इसीलिए प्रवेशिका से संस्कृत को प्रारंभ किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत देहरादून से हो रही है, उन्होंने इसके लिए सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को हार्दिक बधाई देते हुए उनकी कर्मठता एवं कुशल प्रशासनिक क्षमता की तारीफ की।