हिमालयी राज्यों में पर्यटन सर्किट विकास पर लोकसभा में उठा मुद्दा, अब तक ₹1726.74 करोड़ आवंटित – सांसद अजय भट्ट के प्रश्न पर केंद्र का जवाब

नई दिल्ली/देहरादून 02 दिसंबर । नैनीताल–उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में पर्यटन मंत्रालय से पर्वतीय पर्यटन सर्किट के विकास हेतु जारी योजनाओं और अब तक आवंटित धनराशि को लेकर अतारांकिक प्रश्न पूछा। उनके प्रश्न के जवाब में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पर्वतीय पर्यटन सर्किट के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वदेश दर्शन योजना, स्वदेश दर्शन 2.0, पीआरएएसएडी (PRASAD), सीबीडीडी (CBDD) और एसएएससीआई जैसी योजनाओं के तहत देशभर के पर्वतीय राज्यों में 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त तीर्थ स्थल कायाकल्प एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान के तहत भी कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में ‘राज्यों को विशेष सहायता – वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का विकास’ योजना के अंतर्गत 23 राज्यों में 3295.76 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं का लक्ष्य प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों का व्यापक विकास, वैश्विक ब्रांडिंग और प्रभावी विपणन है।
उत्तराखंड को मिली प्रमुख स्वीकृतियां और जारी धनराशि
केंद्रीय पर्यटन मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत और जारी धनराशि इस प्रकार है—
2015–16 : केदारनाथ के एकीकृत विकास के लिए ₹34.77 करोड़
2018–19 : बद्रीनाथ धाम में तीर्थ यात्रा सुविधा हेतु ₹56.15 करोड़, जिसमें से ₹38.38 करोड़ जारी
2021–22 : गंगोत्री–यमुनोत्री धाम में अवसंरचना विकास के लिए ₹54.36 करोड़, जिसमें से ₹10.5 करोड़ जारी
2024–25 : ऋषिकेश में राफ्टिंग बेस स्टेशन के लिए ₹100 करोड़, जिसमें से ₹66 करोड़ जारी
2023–24 : चंपावत में टी गार्डन एक्सपीरियंस के लिए ₹19.89 करोड़, जिसमें से ₹1.99 करोड़ जारी
2023–24 : पिथौरागढ़ के गूंजी में ग्रामीण पर्यटन क्लस्टर के लिए ₹17.86 करोड़, जिसमें से ₹1.79 करोड़ जारी
2024–25 : माणा हट परियोजना, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत ₹4.99 करोड़, जिसमें से ₹0.50 करोड़ जारी
कैंची धाम परिसर के विकास के लिए ₹17.5 करोड़, जिसमें से ₹1.76 करोड़ जारी
जांदूंग उत्सव मैदान, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम—₹4.99 करोड़, जिसमें से ₹0.50 करोड़ जारी
2016–17 : कुमाऊं क्षेत्र विरासत परिपथ—कटारमल, जागेश्वर, बैजनाथ, देवीधूरा के विकास हेतु ₹76.32 करोड़, जिसमें से ₹68.91 करोड़ जारी
2015–16 : टिहरी झील क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट्स गतिविधियों के विकास हेतु ₹59.7 करोड़, जो पूर्ण रूप से जारी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश के हिमालयी राज्यों में अब तक कुल ₹1726.74 करोड़ आवंटित किए गए, जिनमें से ₹1200.46 करोड़ जारी कर दिए गए हैं।
सांसद अजय भट्ट द्वारा उठाए गए प्रश्न ने हिमालयी क्षेत्र में पर्यटन विकास की दिशा में केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रगति को स्पष्ट किया।
