देहरादून 27अक्टूबर। अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसाइटी के बहुप्रतीक्षित मिडटर्म सम्मेलन का आयोजन 25 से 27 अक्टूबर, 2024 तक हयात रीजेंसी, देहरादून में किया जा रहा है। यह सम्मेलन उत्तराखंड राज्य नेत्र रोग सोसाइटी के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार अरोड़ा और डॉ. सतांशु माथुर, डॉ. गौरव लूथरा, डॉ. सौरभ लूथरा ने बताया कि पहले दिन दृष्टि आई हॉस्पिटल और विवेकानंद नेत्रालय से 33 लाइव सर्जरी का प्रदर्शन किया गया, जिससे प्रशिक्षु रेजिडेंट्स को सीखने का अवसर मिला। आयोजन सचिव ने बताया कि सम्मेलन में भारत और विश्वभर से 2000 से अधिक नेत्र रोग विशेषज्ञ, शोधकर्ता, चिकित्सक और उद्योग जगत के नेता भाग लिया है |
अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसाइटी की वैज्ञानिक समिति की चेयरपर्सन, डॉ. नम्रता शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में 500 से अधिक वैज्ञानिक प्रस्तुतियां और प्रमुख वक्तव्य हो रहे है, जिनमें वैश्विक नेत्र रोग समुदाय के प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हैं। इनमें कैलिफोर्निया, यूएसए स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सैन डिएगो से अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त नेत्र प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉन किकावा भी प्रमुख वक्ताओं में से एक रहें है।
डॉ.दीपक मिश्रा (बीएचयू वाराणसी),डॉ. प्रणिता सहाय ( दिल्ली),डॉ.सुशील ओझा (दून मेडिकल कॉलेज,देहरादून),और डॉ. रोहन मेहरा(सहारनपुर) की टीम ने एसएसटीसी(सर्जिकल स्किल ट्रांसफर कोर्स),डीएसटीसी (डिजिटल स्किल ट्रांसफर कोर्स) और टीएसटीसी (तकनीकी स्किल ट्रांसफर कोर्स) के माध्यम से 300 रेजिडेंट्स/फेलो को लाभान्वित किया।
सम्मेलन में एआईओएस के मानद कोषाध्यक्ष डॉ. मनोज सी माथुर, एआईओएस के अध्यक्ष डॉ. समर के बसक, प्रो. जेएस टिटीयाल (आरपीसी एम्स दिल्ली), प्रोफेसर जगत राम (पूर्व निदेशक पीजीआईएमईआर चंडीगढ़), डॉ. अपरथा बियास, डॉ. केके कुंदलू, डॉ. प्रदीप मोहंता और अन्य प्रमुख नेत्र रोग विशेषज्ञ उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसाइटी दुनिया की सबसे बड़ी पेशेवर नेत्र रोग विशेषज्ञों की संस्था है, जिसमें 26,000 से अधिक सदस्य शामिल हैं।जिसकी वेब साइट http://www.aios.org पर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, डीएमई प्रो. डॉ. अशुतोष सायना और सीएमओ डॉ. संजय जैन ने उत्तराखंड में पहली राष्ट्रीय नेत्र विज्ञान सम्मेलन की मेजबानी के लिए यूकेएसओएस टीम को बधाई दी,स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि डे केयर छोटे नेत्र अस्पतालों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
नेत्र जांच के लिए उपयोग की जाने वाली अल्ट्रासाउंड मशीन को लिंग निर्धारण चेतावनी से मुक्त किया जाएगा।
उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों में नेत्र बैंक स्थापित किए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों में सभी फैकल्टी पदों की नियुक्ति की जाएगी। अस्पतालों में डाक्टर या हेल्थ केयर वर्कर से हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाएंगे|
उत्तराखंड को दीर्घकालिक नेत्र रोगों से मुक्त राज्य बनाने के लक्ष्य के लिए राज्य सरकार का पूर्ण समर्थन भी दिया।