देहरादून 29 सितंबर । विद्युत संविदा कर्मचारियों ने आगामी 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को दो दिनों तक प्रदर्शन करने का फैसला लिया है, लेकिन इस बात का भी ऐलान कर दिया है कि दीपावली से पहले हजारों कर्मचारी राज्य में विद्युत आपूर्ति को ठप कर देंगे। यानी रोशनी के त्योहार दीपावली पर प्रदेश में लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि विद्युत संविदा कर्मचारियों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों पर गंभीरता नहीं बरतने की स्थिति में ही कदम आगे बढ़ाने की बात कही है।
विद्युत कर्मचारी संगठन की मानें तो अब तक प्रबंधन की तरफ से उनसे बातचीत के लिए कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है। प्रबंधन के साथ सरकार का यही रवैया रहा, तो दीपावली से पहले हड़ताल पर जाने का कदम कर्मचारी उठा सकते हैं।
विद्युत संविदा कर्मचारियों की मानें तो प्रदेश में उपनल से तैनाती लेने वाले कर्मचारियों को लेकर एकरूपता नहीं अपनाई जा रही है। कुछ जगह पर उपनल कर्मचारी को विभागीय संविदा में ले लिया गया है। इतना ही नहीं निजी कंपनियों के माध्यम से तैनाती लेने वाले कर्मचारियों को भी कुछ जगहों पर विभागीय संविदा दी गई है, लेकिन विद्युत संविदा कर्मचारियों को हर बार नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके बावजूद की ऊर्जा निगम स्वामित्व पोषित निगम है और राज्य सरकार निगम को कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है।
विद्युत संविदा एकता मंच के संयोजक विनोद कवि ने बताया कि प्रदेश में उपनल कर्मचारी को लेकर पिक एंड चूज की नीति अपनाई जा रही है। ऐसे में उनकी मांग है कि निगम में कार्यरत उपनल के माध्यम से विद्युत संविदा कर्मचारियों के विनियमितीकरण का निर्णय लिया जाए। साथ ही महंगाई भत्ते पर भी फैसला लिया जाए। इसके अतिरिक्त जो कर्मचारी नियमितीकरण के दायरे में नहीं आ रहे, उन्हें समान काम के बदले समान वेतन दिए जाने का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में कर्मचारी उनके आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं और यदि इसके बावजूद भी कोई सकारात्मक कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाया जाता, तो दीपावली से पहले कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।