इस वर्ष गुप्त नवरात्रि मन्त्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए स्वर्णिम अवसर: आचार्य दैवज्ञ।

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देहरादून 25 जून। इस वर्ष ६ जुलाई से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि पर ग्रहों का ऐसा संयोग बन रहा है, जो मन्त्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए स्वर्णिम अवसर है।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ “बताते हैं, कि गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंबगी और कमला देवी की पूजा-आराधना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि में इन देवियों की पूजा करने से ब्रह्मांड की रहस्यमयी शक्तियां प्रकट होती हैं। साथ ही घर-परिवार में फैली नकारात्मकता दूर होती है।

साल 2024 में गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू होगी और 15 जुलाई 2024 को समाप्त होगी। इस साल चतुर्थी तिथि 2 दिन है, इसलिए आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का त्योहार 10 दिनों तक मनाया जाएगा, *विघ्नहर्ता गणेश की तिथि की वृद्धि होने से मन्त्रों और यंत्रों की सिद्धि के लिए यह गुप्त नवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है।*

*गुप्त नवरात्रि का महत्व*

मुख्यमंत्री द्वारा ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान से सम्मानित आचार्य दैवज्ञ बताते हैं, कि गुप्त नवरात्रि के दौरान महाविद्याओं की पूजा की जाती है। श्रीमद् देवी भागवत पुराण के अनुसार जो भी भक्त गुप्त रूप से इनकी साधना करता है उसे ब्रह्मांड के गहरे रहस्य भी पता चल जाते हैं। गुप्त नवरात्रि में मंत्र एवं यंत्र साधना का बहुत बड़ा महत्व है। शास्त्रों के अनुसार जो लोग गुप्त नवरात्रि के दौरान माता को प्रसन्न कर देते हैं, उन्हें भविष्य दिखने लग जाता है।
मन्त्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर जीवन की समस्त समस्याओं का निदान करने वाले *आचार्य” दैवज्ञ” बताते हैं ,कि जिन लोगों पर शत्रुओं की बुरी नजर और कल्पना का दोष है, व्यापार और बिजनेस में परिश्रम के बावजूद लाभ नहीं हो रहा है, बच्चों की शादी में अनावश्यक विलंब हो रहा है, नौकरी में परिश्रम के बावजूद तरक्की नहीं हो रही है, बहुत परिश्रम के बाद भी कंपटीशन में सफलता नहीं मिल रही है, शादी होकर टूट गई है, संतान की प्राप्ति नहीं हो पा रही है, उन लोगों को अपने लिए यंत्र बनवाने के लिए अभी से संपर्क कर लेना चाहिए।