देहरादून 02 जून । उत्तराखंड मे पेंशनरों की काॅम्यूटेशन राशि को पन्द्रह से ग्यारह साल किए जाने की मांग पर उत्तराखंड के पेंशनर संगठनों के प्रतिनिधियो ने दिखाई एकजुटता। राज्य के कार्मिक संगठनो ने भी दिया समर्थन।
हरिद्वार रोड स्थित होटल मे आयोजित बैठक मे वकताओ ने कहा काॅम्यूटेशन राशि पर 15 साल के लिए 12 की ब्याज की दर से अतिरिक्त ब्याज वसूली जजिया कर है।इस अन्याय रूपी सडी गली अतार्किक व्यवस्था को तत्काल रोका जिना न्याय संगत है।वकताओ ने बताया गया कि पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने कमयुटेशन की अवधी को पन्द्रह से ग्यारह साल करते हुए पंजाब सरकार को आदेश निर्गत किये है। तथा अखिल भारतीय पेंशनर संगठन(सेंट्रल बोर्ड का इनडायरेक्ट टैक्सस)ने भी भारत सरकार को पहले ही इस संबंध में प्रत्यावेदन दिया है।
बताया गया की संसद में भी यह मामला पूर्व में उठाया जा चुका है और केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात आदि राज्य सरकारों ने काॅम्यूटेशन की अवधि को पहले ही कम कर दिया है।पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति के अध्यक्ष तथा दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता विक्रम सिंह ने बताया की वो भी सर्वोच्च न्यायालय को सीधे इस प्रकरण पर स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध करते हुए पत्र भेज चुके है। वक्ताओं ने कहा भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के हितों को भी देखते हुए पुरानी नीति में तत्काल संशोधन किए जाने की जरूरत है। क्योकि इससे राज्य के सभी सेवानिवृत्त प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियो के साथ साथ विभिन्न विभागो के सेवानिवृत्त कार्मिको,पुलिस एवं शिक्षक वर्ग आदि को भी आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है जिस पर तत्काल रोक जरूरी है।इसलिए सभी को एक साथ होकर संघर्ष करना होगा।सरकार के न चेतने पर पैशनरस को उच्च न्यायालय नैनीताल की शरण लेने को बाध्य होना पडेगा।वकताओ ने कहा भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के हितों को भी देखते हुए नीति में तत्काल संशोधन किए जाने की जरूरत है।सरकार के ना चेतने पर इनको भी उच्च न्यायालय नैनीताल की शरण लेने को बाध्य होना पड़ेग।
बैठक मे उत्तराखंड सचिवालय सेवानिवृत पैशनरस एशोसियेशन के अध्यक्ष सुमन सिंह वलदिया के मुख्य संयोजकतत्व मे उत्तराखंड पैशनरस संयुक्त समन्वय समीति का औपचारिक गठन किया गया।
इस दौरान संरक्षक तथा सलाहकार समीतियो के गठन पर आम सहमति प्रकट की गयी। समिति का शिष्टमण्डल शीघ्र ही मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव से मिलकर अपना ज्ञापन सौपेगा।बैठक मे उत्तराखंड सचिवालय सेवानिवृत पेंशनर्स एसोसिएशन,सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर संगठन,पेयजल निगम पेंशनर्स एसोसिएशन,गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर संगठन,पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति,सचिवालय संघ,मिनिसटीरियल फेडरेशन, वन विभाग सेवानिवृत अधिकारी कर्मचारी कल्याण समिति,उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा,उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद,उत्तराखंड पैशनरस, समन्वय अभियान गुरूप,उत्तराखंड अधिकारी करमचारी शिक्षक समन्वय समीति,राज्य कर्मचारी पैशनरस परिषद आदि के प्रतिनिधिगण शामिल हुए।वक्ताओ मे ओमवीर सिंह,महीधर तोमर,इनसारूल हक,सुशील त्यागी,दीपचंद शर्मा,ठाकुर शेर सिंह,गिरीश चंद्र भट्ट,दिनेश भण्डारी,मथुरा प्रसाद जुलाई,जगदीश सिंह भणडारी,आर पी एस रावत,नवीन नैथानी पूरणानन्द नौटियाल,सुनील लखेडा,राजकुमार टाॅक,ॠषिराम पैन्यूली,विरेन्द्र सिंह कृषाली,प्रकाश सुयाल,विक्रम सिंह,पंचम सिंह बिष्ट,जबरसिंह पंवार,सरदार रोशन सिंह,जयासिंह आदि शामिल थे।कार्यक्रम मे विशेष सहयोग संयुक्त नागरिक संगठन के समन्वयक अवधेश शर्मा का रहा।