लोहड़ी-मकर सक्रांन्ति स्नान सकुशल संपन्न कराने हेतु पुलिस ने बनायी रणनीति

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हरिद्वार 13 जनवरी । लोहडी व मकर सक्रांन्ति स्नान को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस विभाग ने रणनीति बनाकर पुलिस कर्मियों को सख्त निर्देश दिये कि डयूटी के दौरान लापरवाहीं बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
आज यहां पुलिस अधीक्षक नगर (नोडल अधिकारी मेला) स्वतंत्र कुमार सिंह द्वारा अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में लोहड़ीध् मकर सक्रांन्ति स्नान पर्व हेतु नियुक्त फोर्स को ब्रीफ किया गया। उन्होंने कहा कि स्थानीय अभिसूचना ईकाई के अधिकारी गुप्त रूप से पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी नजर रखेंगे लाभप्रद सूचना से उच्च अधिकारियों को तत्काल अवगत कराएंगे, प्रत्येक जोन अधिकारी अन्य अधिकारीगण के साथ मिलकर क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्तियों से समन्वय व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने में अपना पूर्ण योगदान देंगे। इस मेले को सकुशल संपादन करने में सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को आपसी समन्वय बनाते हुए निर्विघ्न संपन्न करना है। ड्यूटी पर नाम मात्र का खड़ा नहीं होना है हमें जिम्मेदारियां का निर्वहन करना है तथा जो असुविधा हो रही है उसका समाधान ढूंढ कर व्यवस्था को दुरुस्त बनाना है। आवश्यक कार्य को छोड़कर किसी भी दशा में अनावश्यक बात विचार या मोबाइल का प्रयोग नहीं करना है छोटी सी लापरवाही कभीकृकभी बड़ा रूप ले लेती है जिस हेतु हमें अपने प्वाइंटों पर सतर्क रहना है। विगत स्नानों में देखा गया कि लोहड़ीध् मकरसक्रांन्ति स्नान पर अचानक से भीड़ बढ़ जाती हैं जिससे हमें पहले से ही छोटी बड़ी सभी तैयारी करके रहना है। प्रत्येक जोनल अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में वैकल्पिक मार्गों का भीड़ बढ़ने की दशा में उपयोग कर जनसंख्या के दबाव को नियंत्रित करेंगे। प्रत्येक प्वाईंट पर नियुक्त पुलिसकर्मी का अपना विशेष महत्व है। थोड़ी सी भी लापरवाही से कोई भी समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए सभी लोग अपनी अपनी जिम्मेदारियों का दृढ़ता एवं संयम के हाथ निर्वहन करेंगे। मनसा देवी, चंडी देवी में ड्यूटी प्रभारी यह सुनिश्चित करेगे की श्रद्धालुगण कतार में ही आगे बढ़ें। भीड़ का दबाव बढ़ने पर तत्काल कंट्रोल रूम को जानकारी देने के साथ व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखेंगे। महिला घाट पर नियुक्त महिला कर्मी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन करें। जिस स्थान पर अधिक भीड़ की संभावनाएं रहती हैं क्योंकि प्रत्येक महिला एवं उसके परिजन उसी के आसपास रहते हैं। किसी को स्नान के लिए बहुत अधिक समय नहीं दिया जाए। महिला घाट से श्रद्धालुओं को लगातार बाहर निकलते हुए उनके गंतव्य को भेजा जाए। स्नान के दौरान प्रत्येक कर्मी को सही समय पर अपने ड्यूटी प्वाईंट पर आकर मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना है। स्नान के दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं के डूबने की संभावनाएं बनी रहती हैं, घाटों पर नियुाक्त जल पुलिस की टीमें लगातार मौजूद व सतर्क रहें जिससे कि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।