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वनंतरा प्रकरण में धामी सरकार की खामोशी को लेकर कांग्रेसियों का मौन सत्याग्रह

देहरादून। वनंतरा प्रकरण पर आरोपियों को बचाने व वीआईपी के नाम पर धामी सरकार की खामोशी को लेकर गांधी पार्क स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मौन व्रत रखा है।
स्थानीय गांधी पार्क में आयोजित मौन धरना प्रदर्शन के द्वारा कांग्रेस ने सरकार पर आरोपियों को बचाने और संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े तमाम सवाल उठाए गए हैं। हाथों में सवाल लिखे नारों की तख्तियां लेकर धरने पर बैठे कांग्रेसियों ने सरकार से पूछा है कि आखिर अंकिता भंडारी को न्याय कब मिलेगा? उन्होंने सरकार से उस वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग की है जिसको स्पेशल सर्विस देने के लिए अंकिता भंडारी पर दबाव बनाने की बात सामने आई थी। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा इस हत्याकांड के साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए जाते हैं। अंकिता भंडारी के कमरे पर बुलडोजर क्यों चलाया गया। घटना के तुरंत बाद रिजार्ट को सील क्यों नहीं किया गया? तथा घटना के बाद रिजार्ट के एक हिस्से में आग किसने लगाई जैसे मुद्दे इस मौन प्रदर्शन के जरिए कांग्रेसी नेताओं ने उठाए हैं।
धरने पर बैठने से पूर्व करन माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी को न्याय इसलिए नहीं मिल पा रहा है क्योंकि सबूतों को मिटा दिया गया है। न्याय तो सबूतों के आधार पर ही मिलता है और हम बारकृबार उन्हीं सबूतों का सवाल उठा रहे हैं जिन्हें शासन प्रशासन में बैठे लोगों द्वारा मिटा दिया गया है या मिटाने का प्रयास किया गया है।
प्रकरण में प्रभावित परिवार न्याय की आस लगाए है। आरोप लगाए कि राज्य सरकार की दमनकारी फैसले से क्षुब्ध होकर कांग्रेसियों ने मौन सत्याग्रह किया। धरना स्थल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा,पूर्व काबीना मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत, पूर्व विधायक विजयपाल सजवान, राजकुमार, मथुरा दत्त जोशी, गरिमा दसौनी अमरजीत सिंह विशाल मौर्य, डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, हेमा पुरोहित, गोदावरी थापली इत्यादि शामिल रहे।

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