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7वें दिन भी जारी रहा आउटसोर्सिंग कर्मियों का कार्य बहिष्कार।

देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार 7वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान वहां पहुंचे मरीजों और उनके तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उपनल और पीआरडी के माध्यम से कोरोना काल में लगे करीब 610 कर्मचारियों को 31 मार्च तक सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में सेवा विस्तार की मांग को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं।
मंगलवार से ओपीडी के ठ ब्लॉक परिसर में धरना दे रहे कर्मचारियों को बुधवार को मजबूरन परिसर के बाहर धरना देने के लिए बाध्य होना पड़ा है। वहीं, ओपीडी के परिसर में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कुर्सियां लगाने के बाद आंदोलनरत कर्मचारियों को परिसर के बाहर धरना देना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। यही नहीं, कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से ब्लड कलेक्शन सेंटर से लेकर पंजीकरण कराने के लिए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हकीकत यह है कि दून अस्पताल में तैनात 600 से अधिक कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर जाने से मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। उधर, आउटसोर्स पर रखे गए वार्ड ब्वॉय भी इस कार्य बहिष्कार में शामिल हैं, ऐसे में तीमारदारों को खुद व्हील चेयर पर इधर-उधर ले जाना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में खून की जांच समेत तमाम जांच कराने में भी मरीजों की दिक्कतें आ रही हैं। क्योंकि कार्य बहिष्कार में अधिकतर लैब टेक्नीशियन भी शामिल है। वहीं, आंदोलनरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए ड्यूटी की थी। लेकिन अब अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया है। सभी कर्मचारियों ने एक स्वर में मांग करते हुए कहा कि उनका सेवा विस्तार किया जाए, ताकि उन्हें बार-बार धरना देने के लिए बाध्य ना होना पड़े।

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