आज एक वरिष्ठ पत्रकार का भी दिल रो रहा है, पत्रकारिता मेरा पेशा है दिल तो बाप का है 😭😭😭😭

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नहीं चाहिए मुझे ऐसी खबरें जो मैं इनको लगाऊं।

आज बहुत अधिक गमगीन हूं किस बात की बनावट क्यों आपे से बाहर निकल कर अपने आप को श्रेष्ठ संझते हो एक पल का नहीं पता किसी का शुक्रिया अदा करों हर पल का तुम्हारे मरने के बाद तुरंत पड़ोसी चाय लायेगा परिवार को पिलायेगा। घमंड छोड़ो दिल से प्यार करना सीखों।

समस्त पत्रकार साथियों की ओर से मेरी ये पोस्ट

इन्नै इलाही इन्न इल्लै लइल्लआहई रआज्जून 😭😭😭😭