भेदभाव पूर्ण कार्रवाई करने का लगाया आरोप

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विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों का धरना 41 वें दिन भी जारी रहा

देहरादून। विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों का धरना 41 वे दिन भी जारी रहा। इस दौरान उन्होने भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि विधान सभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी से विधानसभा में नियुक्तियों के परीक्षक के सम्बन्ध में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट व इस पर कार्यवाही की सूचना मांगी थी। पहले तो इस सूचना प्रार्थना पत्र का उत्तर ही नहीं मिला जब आरटीआई अपील की गयी तो विशेषज्ञ समिति की 217 पृष्ठों की रिपोर्ट विधानसभा की वेबसाइट पर विधानसभा की वेबसाइट पर डाला गया है। विधानसभा की साइट से मिली सूचना के अनुसार अध्यक्ष विधानसभा की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा सचिवालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद यह सनसनीखेज बात प्रकाश में आयी है कि विधानसभा सचिवालय में कार्मिकों की नियुक्तियों के विधि विरूद्ध होने न होने सम्बन्धी आख्या के पैरा 12 में सभी 396 तदर्थ नियुक्तियों को एक समान प्रक्रिया के अधीन माना है। इसमें स्पष्ट उल्लेख किया है। विधानसभा सचिवालय में वर्ष 2001 से 2022 तक की गयी तदर्थ नियुक्तियों एक ही प्रक्रिया के अधीन माना गया है अब सवाल यह उठता है कि केवल 2016 से लेकर 2022 तक ही क्यों कार्रवाई की गई यह किस को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्मिकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाए कि समानता सभी के लिए समान होनी चाहिए।