उत्तराखण्डजनकल्याणकारी योजना

समस्त क्षेत्रों को वर्ष 2047 तक परिपूर्ण करने का लक्ष्यः महाराज

जल विषय पर पहले कैबिनेट मंत्री ने अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को किया संबोधित

देहरादून/भोपाल। उत्तराखंड राज्य की ओर से उपलब्ध जल संसाधनों के समेकित उपयोग एवं नियोजन से वर्ष 2047 तक राज्य में जल का उपयोग करने वाले सिंचाई, कृषि, पेयजल आदि समस्त सैक्टर को जल के क्षेत्र में परिपूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

ये बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मध्य प्रदेश स्थित भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गुरूवार को जल विषय पर पहले अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन जल दृष्टि=2047 विषय पर बोलते हुए अपने सम्बोधन में कही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में सम्मेलन में पहुंचे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्यों और हितधारक मंत्रालयों के साथ साझेदारी की तलाश कर उसे मजबूत करना और पानी से संबंधित मुद्दों के लिए समग्र व अंतर अनुशासनिक दृष्टिकोण के साथ एकीकृत तरीके से पानी को एक अनमोल संसाधन के रूप में प्रबंधित करने के लिए इस साझा दृष्टिकोण का वह स्वागत करते हैं। निश्चित रूप से यह सम्मेलन पानी जैसे बहुमूल्य और सीमित प्राकृतिक संसाधन को प्रबंधित करने में मील का पत्थर साबित होगा और साझेदारी को मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां अवस्थित पर्वतीय शहरों एवं ग्रामों को स्वच्छ पेयजल एवं सिंचाई की सुविधा नदियों पर जलाशय एवं लिफ्ट योजनायें बनाकर या पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध जल स्त्रोतों के जल का उपयोग कर ही उपलब्ध करायी जा सकती है, जिस के लिए यह आवश्यक है कि राज्य में उपलब्ध अतिरिक्त जल का पूर्ण उपयोग किया जाये एवं जहां जल विद्युत उत्पादन की सम्भावना हो, का भी पूर्ण दोहन हो सके। उन्होने कहा कि राज्य में उपलब्ध जल के बेहतर प्रबंधन एवं उपयोग के लिए कई वृहद परियोजनाओं का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, जिनके निर्माण से राज्य को सुनिश्चित पेयजल, सिंचाई के साथ-साथ विद्युत उत्पादन का लाभ भी होगा। इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित विभिन्न राज्यों के मंत्री और अपर सचिव सिंचाई उमेश नारायण पांडे, प्रमुख अभियंता जयपाल सिंह, इरीगेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के शंकर कुमार शाह और जल जीवन मिशन से बीके पांडे व एसके शर्मा आदि मौजूद थे।

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