योजनाओं का कार्य तय समय सीमा के भीतर किया जाए पूरा: जोशी

0
242

सचिवालय स्थित एफआरडीसी साभगार में कैबिनेट मंत्री ने की ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा बैठक

देहरादून। गणेश जोशी ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का तय समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण किए जाए। सचिवालय स्थित एफआरडीसी सभागार में गुरुवार को विभागीय मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में विकास विभाग की समीक्षा बैठक की गई। बैठक के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों से विभाग की ओर से संचालित योजनाओं जैसे ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत केन्द्रीय वित्तपोषित योजनाओं (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-एनआरएलएमए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना) और राज्य वित्तपोषित योजनाओं, ग्राम सड़क योजना, मेरा गांव मेरी सड़क, मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना और एकीकृत आजीविका सहायता परियोजना की विस्तृत जानकारी अधिकारियों से प्राप्त की। बैठक में अधिकारियों की ओर से अवगत कराया गया ग्राम्य विकास विभाग में अधिकतर केंद्र पोषित योजनाएं है जिनका लगभग सभी योजनाओं का 84 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके है बाकी के कार्य तेज गति से किए जा रहे है। बैठक के दौरान मंत्री जोशी ने आपदा ग्रस्त सड़कों को तत्काल दुरुस्त करने  के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मंत्री जोशी ने मनरेगा में जंगली जानवरों के नुकसान की सुरक्षा के लिए और पहाड़ी क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था के लिए नाबार्ड के साथ समन्वय बनाकर अधिकारियों को एक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। मंत्री गणेश जोशी ने विभागीय अधिकारियों को शाबाशी देते हुए कहा कि अभी तक केंद्र पोषित एवं राज्य पोषित योजनाओं का कार्य 84% से अधिक सभी योजनाओं का लक्ष्य हमने प्राप्त किया है। इसके अलावा मंत्री ने विभाग में जो रिक्त पद हैं उनको शीघ्र पूर्ति करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में विधायक निधि पर लगने वाले 18% जीएसटी पर भी विचार-विमर्श किया गया। मंत्री जोशी ने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री जी से वार्ता की जाएगी जो विधायक निधि में 18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त लगता है उसका वहन सरकार करेगी। इस अवसर पर सचिव बीवी आरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव नितिका खंडेलवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।