मकानों में आ रही दरारों को लेकर सरकार गंभीर: महाराज

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सुरक्षा के साथ-साथ प्रभावितों के रहने के हों पुख्ता इंतजाम

देहरादून। जोशीमठ शहर में मकानों और होटलों में आ रही दरारों व भू-धसाव ने चिंता बढ़ा दी है। इसके ट्रीटमेंट को लेकर शासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस संदर्भ में मैंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा कर एसडीएम और जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। ये बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने जारी अपने एक बयान में कहीं है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धसाव से अनेक घरों व भवनों में दरारें आने से प्रभावित लोगों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। जल्दी ही इसके लिए पूरा प्लान बनाकर आगे की कार्यवाही की जाएगी। महाराज ने एसडीएम और जिलाधिकारी को निर्देश दिये हैं कि लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ उनके रहने के पुख्ता इंतजाम किये जायें। ऐसे मकानों को पहले फेज में शिफ्ट किया जाए जिनमें दरारें अधिक हैं, ताकि किसी बड़े खतरे से बचा जा सके।

आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों के विस्थापन की मांग

भू-वैज्ञानिकों की सलाह पर सरकार को उठाने चाहिए थे कदम: माहरा

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर जोशीमठ के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों के विस्थापन एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में माहरा ने कहा हैं कि चमोली जनपद मे स्थित जोशीमठ नगर राज्य का एक ऐतिहासिक, पौराणिक धार्मिक नगर होने के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिर्मठ नगर भी है जिसे भगवान श्री बद्री विशाल के तीर्थ स्थल का प्रवेश द्वार कहा जाता है। विगत कुछ समय से जोशीमठ क्षेत्र में घटी भारी भूस्खलन की अप्रिय घटनाओं के चलते न केवल जोशीमठ नगर पर संकट छाया है अपितु वहां पर निवास करने वाले हजारों स्थानीय लोग बेघर होने की कगार पर पहुंच गए हैं।  माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि जोशीमठ नगर के ऐतिहासिक, पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जानमाल को दृष्टिगत रखते हुए मिश्रा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने तथा आपदा संभावित क्षेत्र के लोगों के समुचित विस्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित करवायी जाए।