भर्ती घोटालों पर यूकेडी ने उठाए गंभीर सवाल।सीबीआई जांच की मांग।

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उत्तराखंड क्रांति दल ने भर्ती घोटालों को लेकर जांच एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

देहरादून 17 नवंबर। उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारियों ने पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से मिलकर भर्ती घोटालों पर लंबित मुकदमों के मामलों मे  कार्यवाही कराने की मांग की और उसके बाद यूकेडी मुख्यालय में प्रेस वार्ता के माध्यम से जांच एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग  द्वारा वर्ष 2018 में कई भर्ती घोटालों की एफ आई आर दर्ज कराई गई थी और कई मामलों में शिकायतें की गई थी लेकिन एसआईटी और एसटीएफ सहित भाजपा सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। वन आरक्षी भर्ती घोटाले मे भी सरकार ने दोषियों को बचाने के लिए कोई पैरवी नही की और घोटालेबाज तथा शिकायत कर्ताओ ने आपस मे समझौता कर लिया। सेमवाल ने सरकार और आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। तथा इन सभी मामलों को सीबीआई को देने की मांग दोहराई है।
यूकेडी के मुख्य प्रवक्ता अनुपम खत्री ने बताया कि वर्ष 2017-18 में टीजी2 में घोटालों की शिकायत को लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा एफ आई आर दर्ज कराई गई थी लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस घोटाले का कनेक्शन धामपुर के नकल माफियाओं से जुड़ा हुआ था, जिसमें कई राजनीतिक दल के नेता आदि शामिल थे।
भर्ती घोटालों को लेकर केंद्रीय मीडिया प्रभारी मोहित डिमरी ने बताया कि इसी तरह के मामले क्लेरीकल और एलटी की परीक्षाओं को लेकर भी सामने आए थे।
क्लैरीकल की परीक्षा में कोषागार में काम करने वाली एक आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारी को सर्वाधिक नंबर प्राप्त हुए थे। इस प्रकरण में भी यही सामने आया था कि ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई है, लेकिन एफ आई आर दर्ज होने के बाद भी उस मामले में 7 साल बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
इसी तरीके के एक और मामले में एलटी की परीक्षाओं में बाकायदा मुन्ना भाइयों की तर्ज पर नकल कराई गई थी जिसमें 12 अभ्यर्थियों ने डमी कैंडिडेट के रूप में रोल नंबर की अदला बदली करके पेपर सॉल्व किए थे। यह मामला भी आयोग की पकड़ में आने के बाद एफ आई आर दर्ज कराई गई थी लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
केंद्रीय युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष गौरव सिंह रावत ने चेतावनी दी कि यदि इन मामलों में एफ आई आर दर्ज होने के बावजूद तत्काल कार्यवाही तेज नहीं की गई तो युवा मोर्चा सड़कों पर उतर कर बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ जन आंदोलन छेड़ देगा।
लोकायुक्त आंदोलन के संयोजक सुमन बडोनी ने कहा कि सरकार घोटाले बाजों को बचाने की वजह से ही लोकायुक्त का गठन नहीं कर रही है।
गौरतलब है कि इस मामले में विजिलेंस को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने कई बार लिखित में भी रिमाइंडर भेजे लेकिन विजिलेंस ने इन मामलों में कोई कार्यवाही नहीं की। यहां तक कि वीपीडीओ भर्ती घोटाले में भी वर्ष 2020 में तत्कालीन आयोग के अध्यक्ष एस राजू द्वारा दो बार रिमाइंडर जीतने के बावजूद भी विजिलेंस ने रिमाइंडर का जवाब देना तक उचित नहीं समझा।
यहां तक कि वीपीडियो भर्ती घोटाले में थी विजिलेंस को जब तहरीर दी गई तो विजिलेंस ने 1 हफ्ते तक उसमें एफआईआर दर्ज नहीं की।
केंद्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी अपने आईटी और एसआईटी सेल के माध्यम से सरकार चलाना चाहती है और एसआईटी मात्र सरकार के इशारे पर ही काम कर रही है ।
सेमवाल ने कहा कि इस घोटाले में कई भाजपा नेताओं के सीधे शामिल होने के चलते सरकार प्रभावी कार्यवाही से बच रही है। यही कारण है कि घोटाले बाजों के खिलाफ पैरवी इतनी लचर ढंग से की जा रही है कि लगभग दो दर्जन घोटालेबाज ट्रायल कोर्ट से ही जमानत पाने में सफल हो गए हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने आश्वासन दिया है कि वह वर्ष 2022 में ही सभी मामलों पर कार्यवाही करेंगे। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि वह वन आरक्षी भर्ती घोटाले में भी अपने स्तर से हाईकोर्ट में मुकदमा दर्ज करेंगे।
उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के अंदर अंदर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दर्ज कराई गई सभी मामलों पर कार्यवाही नहीं हुई तो फिर उत्तराखंड क्रांति दल सड़कों पर उतर कर भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जन आंदोलन शुरू कर देगा।
प्रेस वार्ता में केंद्रीय युवा मोर्चा प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल, मुख्य प्रवक्ता अनुपम खत्री, केंद्रीय मीडिया प्रभारी मोहित डिमरी, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष गौरव सिंह, केंद्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा ,सुमन बडोनी आदि पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।