हरिद्वार। हरिद्वार से गजवा-ए-हिंद आतंकी गिरोह के दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार हुए हैं। उत्तर प्रदेश एटीएस ने उत्तराखंड एसटीएफ की मदद से दोनों संदिग्ध आतंकियों को दबोचा है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश एटीएस ने अभियान चलाकर पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, शामली और उत्तराखंड से आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया है। यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार की मानें तो यूपी एटीएस ने यह कार्रवाई इस साल मार्च और अगस्त महीने में भोपाल से एनआईए की ओर से दबोचे गए एक्यूआईएस व जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश) के तीन आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर की. सहारनपुर से पकड़े गए आतंकियों के तार भोपाल से जुड़े थे। इसके आधार एटीएस ने भी सहारनपुर में छापा मारा था। बताया जा रहा है कि एक्यूआईएस और जेएमबी भारत में गजवा-ए-हिंद के मंसूबे को पूरा करने के लिए अपना नेटवर्क बढ़ा रहा था। यूपी एडीजी प्रशांत कुमार के अनुसार आतंकियों में सहारनपुर का लुकमान, कारी मुख्तार, कामिल, नवाजिश अंसारी और मो. अलीम है। जबकि, शामली का शहजाद नाम का आतंकी शामिल है। वहीं, उत्तराखंड का मुदस्सिर और हरिद्वार में छिपकर रह रहा बांग्लादेशी अलीनूर शामिल है। आतंकियों के पास से तमाम संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। यह सभी आतंकी आतंकवादी संगठन अलकायदा व जमाते मुजाहिद्दीन के लिए आतंकियों का नेटवर्क तैयार करने के लिए काम करते थे। आतंकवादियों का नेटवर्क तैयार करने के लिए या मदरसों को टारगेट करते थे। सभी आठों आतंकी भारतीय सीमा में घुसकर बॉर्डर के राज्य से पश्चिम बंगाल असम में कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों को आतंकी बनने के लिए मोटिवेट करते थे और संगठन से जोड़ने का काम करते थे। यह सभी आतंकी पुलिस व आतंकियों के खिलाफ काम करने वाली एजेंसियों से बचने के लिए खास तरीके के ऐप का इस्तेमाल करते थे। आपस में बातचीत करने के लिए कॉल करने के लिए इन्हीं ऐप का सहारा लिया जाता था। सभी आपस में फोन पर बात नहीं करते थे।