उत्तराखण्ड कांग्रेस की राजनीति में भूचालः प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव पर वसूली का आरोप।

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हल्द्वानी। पूर्व सीएम हरीश रावत के ट्वीट के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में भूचाल आ गया है। हरीश रावत की लगाई आग की लपटें कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव तक पहुंच गई हैं। बीते रोज हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल के आरोपों के बाद अब कांग्रेस के पूर्व दर्जा मंत्री और किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सिंह रावत ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर वसूली करने का आरोप लगाया है।
गोपाल सिंह रावत ने कहा है कि देवेंद्र यादव कुछ कांग्रेसियों के साथ मिलकर वसूली कर कांग्रेस को खत्म करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय कांग्रेस कमेटी देवेंद्र प्रभारी को तुरंत हटाये, जिससे कि उत्तराखंड कांग्रेस के अस्तित्व को बचाया जा सके। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में एक मात्र हरीश रावत ही ऐसा चेहरा हैं, जो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी मतों से विजयी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी कुछ कांग्रेस के नेताओं के साथ साठगांठ कर कांग्रेस के खत्म करने और कांग्रेसियों के साथ मिलकर वसूली में जुटे हुए हैं। ऐसे में अगर देवेंद्र यादव को जल्द नहीं हटाया गया, तो उत्तराखंड में कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव का पूरी कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है। गोपाल सिंह रावत ने केंद्रीय कांग्रेस कमेटी से मांग की है कि हरीश रावत को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाए, तभी उत्तराखंड में कांग्रेस की आगामी 2022 में में सरकार बनेगी। आपको बता दें, हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, जब इस मामले पर हरीश रावत से भी सवाल किया गया तो वो कुछ भी बोले बिना चले गए। सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। अगर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं, तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है। संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों। सुरेंद्र अग्रवाल ने बिना नाम लिए कहा कि, कांग्रेस की कोई बड़ी ताकत बीजेपी के हाथों में खेल रही है, जो कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं में बाधा पैदा कर रही है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव सब के लिए सम्मानित हैं। प्रभारी का काम होता है सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच में सामंजस्य बैठाकर चले। लेकिन यदि प्रभारी किसी की पार्टी बनते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इस तरह का आभास हो रहा है, वहीं पार्टी में अंदरखाने इस तरह की फुसफुसाहट भी है कि कांग्रेस के कुछ जिम्मेदार लोगों को बीजेपी अपने जाल में फंसा रही है। हालांकि, प्रभारी देवेंद्र यादव वैसे तो काफी सम्मानित हैं, लेकिन कार्यकर्ता जो इशारा कर रहे हैं, वो बड़ा गंभीर मामला है।