उत्तराखण्डधर्म-कर्म

ब्रह्म चर्य का अर्थ है अपनी आत्मा को ब्रह्म में लीन करना : पंडित महेंद्र

देहरादून 9 सितंबर सितंबर श्री आदिनाथ पंचायती मंदिर माजरा में आज 10 लक्षण विधान के अंतिम दिन प्रातः श्रीजिन देव का अभिषेक और शांति धारा करने का सौभाग्य श्री दिनेश जैन सूर्य  को प्राप्त हुआ इसके पश्चात उत्तम ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया गया और पूजा की गई विद्वान पंडित श्री महेंद्र जैन ने अपने प्रवचन में बताया के ब्रह्मचर्य का मतलब केवल स्त्री भोग से विरक्ति रखना ही नहीं है ब्रह्मचर्य का मतलब है ब्रह्म मे चर्या करना अर्थात अपनी आत्मा में लीन होना,ब्रह्म  में अपनी आत्मा के कसाय को नष्ट करना, ब्रह्म भगवान का नाम है और जो ब्रह्म में लीन हो जाता है वह संसार सागर से तर जाता है उसको दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। 10 लक्षण विधान के आज अंतिम दिन सभी पूजा पूर्ण की गई कल प्रातः हवन किया जाएगा उसके साथ ही यह 10 दिन की विधान पूजा  संपूर्ण होगी ।विधान को मेरठ से पधारे संगीतकार अमित जैन ने अपनी मधुर वाणी में बहुत ही भावपूर्ण तरीके से सुना कर सभी को भक्ति मय किया जिससे किसी को भी पूजन में आकुलता  नहीं हुई।पूजन में ललित पुर से आए हरीश ने भी सहयोग किया,संध्या काल में  संगीतकार अमित के संगीत पर सभी ने सामूहिक आरती की, पण्डित महेंद्र जैन ने शास्त्र वचन किया ।मंदिर समिति के सांस्कृतिक संयोजक आदिश जैन,सारिका जैन ने बहुत सुंदर नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की जिसमे अनेक श्रद्धालुओं ने बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति दी।इस अवसर पर समाज के अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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