ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधिविधान पूर्वक बंद

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रुद्रप्रयाग।06 नवंबर,श्री यमुनोत्री धाम के कपाट आज दिन में बंद होंगे
भगवान बदरीविशाल के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे

गढ़वाल रेजीमेंट के बैंड बाजों की भक्तिमय धुनों के साथ आज केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होंगे।

22 नवंबर भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होंगे, 25 नवंबर को उखीमठ में मद्महेश्वर मेला।
कोरोना का हाल के दौरान शुरू की गई चार धाम यात्रा में अब तक साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंच गये है, जिनमें दो लाख चालीस हजार से अधिक भगवान केदारनाथ के दर्शन को पहुंचे।
उत्तराखंड चार धामों में प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज शनिवार भैया दूज वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये बर्ह्ममुहुर्त से कपाटबंद होने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा,शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये।

श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजो की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ हेतु प्रस्थान किया।