कैराना। नगर में खूंखार बंदरों का आतंक चरम पर है। बंदरों के हमले से बचने का प्रयास कर रही वरिष्ठ भाजपा नेता की पत्नी एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य छत से गिर गई। उन्हें निजी हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां मृत घोषित कर दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर शोक संवेदनाएं व्यक्त की। अंतिम संस्कार में सांसद सहित राजनीतिक व सामाजिक लोग मौजूद रहे।
नगर के मोहल्ला आलकलां मायापुर रोड निवासी भाजपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी अनिल चौहान की धर्मपत्नी सुषमा देवी (54) मंगलवार को अपने मकान की छत पर किसी कार्य से गई थी। इसी दौरान बंदरों का झुंड उन पर हमला करने लगा, जिस पर उन्होंने बचने का प्रयास किया, तो छत से नीचे गिर गई और घायल हो गई। परिजन उन्हें उपचार हेतु शामली के एक निजी हॉस्पिटल में ले गए। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। दिवंगत वार्ड-13 से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी है। उधर, वरिष्ठ भाजपा नेता की पत्नी के आकस्मिक निधन की खबर से क्षेत्र में शोक छा गया। बड़ी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे तथा शोक संवेदनाएं व्यक्त की। दोपहर के समय दिवंगत का मायापुर फार्म पर अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें बेटे ललित चौहान ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सांसद प्रदीप चौधरी, ब्लॉक प्रमुख हर्षल चौधरी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख पति गय्यूर चौधरी आदि मौजूद रहे।
👉 नगरपालिका की उदासीनता से बढ़ रहा आतंक इन दिनों नगर में पालिका प्रशासन की उदासीनता के चलते बंदरों का आतंक बढ़ रहा है। खूंखार बंदर आए दिन किसी न किसी व्यक्ति अथवा बच्चों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर देते हैं। बंदरों के शिकार लोग सीएचसी में भी एंटी रैबीज के टीके लगवाने पहुंचते रहते हैं। इसके अलावा बंदर घरों की छतों पर सामानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसके बावजूद भी पालिका प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है।
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11 माह पहले आई थी मथुरा से टीम
बंदरों के आतंक को देखते हुए पिछले साल अक्टूबर माह में मथुरा से पालिका प्रशासन ने टीम को बुलवाया था। उस समय टीम ने नगर से दर्जनों बंदरों को पकड़ा भी था। तब से यहां बंदर पकड़ने के लिए कोई टीम नहीं आई है। जिस प्रकार बंदरों के आतंक के चलते छत से गिर जाने के कारण भाजपा नेता की पत्नी की दुःखद मौत हो गई है, यदि पालिका प्रशासन ने अब भी कोई सुध नहीं ली, तो भविष्य में कोई और हादसा भी हो सकता है।
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सीएचसी में लगाये जाते हैं टीके
नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रत्येक सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को कैंप लगाया जाता है, जिसमें बंदर व कुत्ते के काटे जाने के शिकार लोगों को एंटी रैबीज के टीके लगाए जाते हैं।
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इनका कहना…
बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से हमने ही टीम बुलवाई थी। अब फिर से टीम को बुलवाया जाएगा।
– उद्भव त्रिपाठी, एसडीएम/ईओ
रिर्पोट :- कैराना से पुनीत गोयल के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी उत्तर प्रदेश।
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