आश्रम के प्रबंध तंत्र पर मारपीट कर दबंगई दिखाने और साजिश रचने का आरोप रमैनी के बाद दांपत्य जीवन सुखी न होने पर होता है संबंध विच्छेद , इसमें प्रबंध तंत्र को घसीटना निराधार – प्रदेश कोऑर्डिनेटर दास
झिंझाना, शामली। सतलोक आश्रम बेद खेड़ी के प्रबंध तंत्र पर साजिश करने और मारपीट जैसे गंभीर आरोपों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हरियाणा के अजय कुमार द्वारा 6 सितंबर को रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद सोमवार को दो अन्य भक्तों ने थाना पहुंचकर तहरीर देकर कार्यवाही करने की मांग की है।
सतलोक आश्रम बेद खेड़ी में 10 माह पहले हुई थी रमैनी। 8 माह बाद ही पत्नी अपने मायके चली गई। अब वापस नहीं आ रही। पत्नी को वापस लाने के लिए पीड़ित आश्रम वालों से गुहार लगाकर थक चुके पीड़ित मनोज ने अब पुलिस को तहरीर देकर पत्नी को वापस दिलाने की गुहार लगाई है। पीड़ित का आरोप है कि आश्रम के जिम्मेदारों की बदौलत पत्नी वापिस नहीं आ रही है।
जनपद बिजनौर के गांव रावली थाना मंडावर निवासी मनोज कुमार पुत्र शेर सिंह ने कुछ वर्ष पहले संत रामपाल के सतलोक आश्रम बेद खेड़ी से जुड़कर आना-जाना शुरू किया था। नाम दीक्षा लेकर उसने अपनी सभी बुराइयों को छोड़ दिया। आश्रम में आने से उसका जीवन बदला और आश्रम पद्धति पर 27 नवंबर 2023 को उसकी शादी (आश्रम पद्धति पर रमैनी ) कु नीलम पुत्री महेश जिला मुरादाबाद के साथ हो गई थी। पीड़ित का कहना है कि आठ माह पत्नी उसके साथ रही। फिर बिना बताए घर से चली गई। और अब वापस नहीं आ रही है। आरोप है कि पत्नी वापस आने के लिए तीन लाख रुपए की मांग कर रही है। और कह रही है कि आश्रम के प्रबंधक और कोऑर्डिनेटर से बात कर लो। वें जैसा कहेंगे वैसा ही हो जाएगा। पीड़ित ने 6 सितंबर को आश्रम में आयोजित समागम में पहुंचकर आश्रम के जिम्मेदारों से पत्नी को वापिस बुलाने की गुहार लगाई तो उन्होंने गाली गलौज कर चुप बैठने की कहीं। पीड़ित का आरोप है कि आश्रम के जिम्मेदारों ने धमकी दी है कि अधिक परेशान करोगे तो तुम्हें जेल भिजवा दिया जाएगा। पीड़ित ने थाना पुलिस को तहरीर देकर अपनी पत्नी को वापस बुलाने की गुहार लगाई है। पीड़ित ने आश्रम के जिम्मेदारों पर जान बूझकर लोगों को फसाने का आरोप भी लगाया है।
दूसरी अन्य घटना के अनुसार मेरठ के किला परीक्षितगढ़ निवासी सोनू पुत्र ननवा ने भी सोमवार को थाना पहुंचकर पुलिस को तहरीर देते हुए सतलोक आश्रम के जिम्मेदारों पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए। सोनू का कहना है कि वह 2012 से संत शरण में आया था। 24 सितंबर 17 में उसकी भी शादी मुजफ्फरनगर में आश्रम पद्धति पर ही ( रमैनी )हुई थी। तब से अब तक पति पत्नी के बीच आश्रम के जिम्मेदार चार – पांच बार फैसला भी करा चुके हैं। फिर दोनों में हनुमान के बाद 21 मार्च 2024 को वह आश्रम में आया था। आरोप है कि उसने आश्रम के जिम्मेदार व्यक्ति के साथ पत्नी के संबंध होने का विरोध किया था। तो मुझे एक कमरे में ले जाकर कम से कम 6- 7 व्यक्तियों ने मेरे साथ मारपीट की थी और मुझे मेरे परिवार सहित जान से मारने की धमकी देकर छोड़ दिया था। इन लोगों ने ही मेरी पत्नी द्वारा मुझ पर दहेज और डाय वर्स का मुकदमा करा दिया था। जो आज भी विचाराधीन है। मारपीट की देर से रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सोनू सैनी ने बताया कि अखबार में खबर छपी देखने के बाद उसने हिम्मत कर रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
उधर इस संबंध में पूछे जाने पर प्रदेश कोऑर्डिनेटर हर देश दास ने बताया कि आश्रम पद्धति के अनुसार दोनों पक्षों की सहमति मिलने पर समय निर्धारित कर रमैनी (शादी) मात्र 17 मिनट में कराई जाती है। बाद में यदि दोनों पक्ष चाहे तो कोर्ट मैरिज भी कर सकते हैं। आश्रम द्वारा शादी संबंध में कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता हैं। हां इस शादी में किसी भी प्रकार से दहेज का कोई लेन देन नहीं होता है। कई मामलों में रमैनी होने के बाद पति-पत्नी में विवाद सामने आते रहते हैं। जिसमें विवाद सामने आने पर आश्रम के जिम्मेदारों द्वारा सुलह नामा कराने का प्रयास भी किया जाता है। इसके अलावा प्रबंधन की कोई किसी से रंजिश या दोस्ती नहीं होती। किसी के द्वारा लगाए गए आरोप बे बुनियाद है।
सोनू और मनोज के बारे में पूछे जाने पर कोऑर्डिनेटर ने बताया कि सोनू ने रमैनी के बाद किसी दूसरी महिला को भी अपनी पत्नी बनाया था। दोनों के बीच अन बन पर कई बार आश्रम प्रबंधन ने फैसला भी कराया था। ऐसे में यदि पति-पत्नी अपना जीवन सही से नहीं जी सकते तो इसमें प्रबंधन का क्या दोष है। इसके अलावा मनोज ने अपनी पत्नी के साथ मारपीट की थी जिससे नाराज होकर वह अब इसके साथ नहीं रहना चाहती है। इस प्रकार यदि किसी पति-पत्नी के बीच दांपत्य जीवन अच्छे से नहीं चल सकता तो प्रबंधन का कोई दोष नहीं है।
रिर्पोट : झिंझाना से प्रेम चंद वर्मा के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।