दून को मिले एम्फोटेरेसिन-बी के 300 इंजेक्शन, तीमारदारों को दिए

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देहरादून:  दून के अलग-अलग अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज करा रहे मरीजों को कुछ राहत मिली है। रविवार को जिले को ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरेसिन-बी के तीन सौ इंजेक्शन मिल गए।

इंजेक्शन उपलब्ध न होने से तीमारदार दो दिन से मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। इंजेक्शन मिलने के बाद इन्हें तीमारदारों में बांट दिया गया है। वहीं, एम्स ऋषिकेश एवं दून मेडिकल कॉलेज को भी कुछ इंजेक्शन दिए गए हैं।

गढ़वाल मंडल के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. कैलाश गुंज्याल ने बताया कि 300 इंजेक्शन मिल गए हैं। उनके पास करीब 42 मरीजों के लिए इंजेक्शन की डिमांड आई थी। जिनके तीमारदारों को तीन से चार दिन की खुराक दे दी गई है।

एम्स ऋषिकेश को 50 और दून मेडिकल कॉलेज को 20 इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। वहीं, चिकित्सा संस्थानों को सख्ती के साथ कहा गया है कि वह मरीजों के तीमारदारों को इंजेक्शन के लिए न दौड़ाएं। तीमारदारों को परेशान होते देखना अच्छा नहीं लगता।

वह पहले ही काफी परेशान हैं। ऐसे में उन्हें इस तरह भटकाना ठीक नहीं है, जिस संस्थान में जितने मरीज भर्ती होंगे, उतने का इंडेन बनाकर वह भेजेंगे। उनके कर्मचारी इंडेन कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच समाज का हर वर्ग जन सहयोग के लिए आगे आ रहा है।

इसी क्रम में किन्नर गद्दी नशीं मैडम रजनी रावत ने जरूरतमंदों की मदद को हाथ बढ़ाकर अन्य को भी प्रेरणा दी है। रजनी रावत राशन, दवा, मास्क-सैनिटाइजर आदि बांटकर जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं।

इससे पहले वह मुख्यमंत्री राहत कोष में भी 21 लाख रुपये का योगदान दे चुकी हैं। लेकर आएंगे, न कि मरीज का तीमारदार। ऐसा नहीं करने पर संस्थानों की शिकायत आला अधिकारियों से की जाएगी।