जल जीवन मिशन का जिला एक्शन प्लान और वार्षिक कार्ययोजना 15 मार्च तक पूरा करने के दिए निर्देश

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देहरादून: मुख्य विकास अधिकारी व प्रभारी जिलाधिकारी नितिका खण्डेलाल की अध्यक्षता में वीडियोकान्फ्रेसिंग के माध्यम से जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित की गयी। मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं जल संस्थान और पेयजल निगम को 15 मार्च तक जल जीवन मिशन का जिला एक्शन प्लान और वार्षिक कार्य योजना ( एनुअल एक्शन प्लान) पूरा करते हुए उसको अपलोड करने के निर्देश दिए।

उन्होंने पेयजल के आच्छादन की वस्तुस्थिति के सम्बन्ध में होटल व धर्मशालाओं का डेटा जिला पर्यटन अधिकारी को, स्वास्थ्य केन्द्रों का स्वास्थ्य विभाग को, सामुदायिक भवन व पंचायत भवनों का जिला पंचायतीराज अधिकारी को तथा सामुदायिक शौचालयों का स्वजल विभाग को निर्धारित प्रारूप में नोडल एजेंसियों जल संस्थान और पेयजल निगम को प्रेषित करने के निर्देश दिए।

मुख्य विकास अधिकारी ने जल जीवन मिशन के प्लान को सम्बन्धित ग्राम पंचायत में ग्रामसभा की बैठक में अनुमोदित करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रत्येक ब्लाॅक  से 15-15 महिलाओं को विशेषकर अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को पेयजल टूल टैस्टिंग किट का प्रशिक्षण प्रदान कराने के निर्देश दिए, ताकि प्रशिक्षित महिलाएं अपने-अपने क्षेत्रों में पेयजल की गुणवत्ता की टेस्टिंग स्वयं कर सके।

उन्होंने ऐसे गैर सरकारी संगठन जिनकी कार्य प्रगति लक्ष्य के अनुरूप नहीं रहती है, भविष्य में कार्य की जिम्मेदारियों से बैन करने के निर्देश दिए तथा सक्रिय एजेंसियों को प्रगति में तेजी से सुधार करवाने के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए।
मुख्य विकास अधिकारी ने जलग्राम के रूप में चयनित विकासखण्ड चकराता के रंगेऊ में ‘शून्य अपशिष्ट जल’ प्रणाली के कार्यों में भी तेजी लाने तथा डोईवाला के दूधली में जल जीवन मिशन से सम्बन्धित कार्यों को पूरा करने के लिए फिल्ड विजिट करने के निर्देश दिए। इस दौरान वीडियोकान्फ्रसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में परियोजना प्रबन्धक, सदस्य सचिव जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान ए.पी सिंह व पेयजल निगम मीसा सिंह, जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चैहान, जिला पंचायतीराज अधिकारी जितेन्द्र कुमार, डाॅ त्यागी, नामित सदस्य डाॅ डी.एस रावत, नितेश कौशिक व डाॅ0 धीरेन्द्र बडोनी सहित सम्बन्धित अधिकारी वी.सी के माध्यम से जुड़े थे।