देहरादून: उत्तराखंड में भी मनरेगा योजना के श्रमिकों को उत्तर प्रदेश, बिहार की तर्ज पर कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ मिल पाएगा।
इन श्रमिकों और कर्मचारियों को ईपीएफ का लाभ देने को लेकर ग्राम विकास की ओर से 10 दिसंबर को ईपीएफ कार्यालय को एक पत्र भेजा गया था।
जिसमें मनरेगा श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ देने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद से ही ईपीएफ कार्यालय ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है।
ऐसे में अब मात्र शासन स्तर से मंजूरी मिलने का इंतजार है। ईपीएफ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शासन स्तर से मंजूरी मिलने के बाद ही श्रमिकों को पीएफ कोड मुहैया करा दी जाएगी।
जिसका खाका भी तैयार कर लिया गया है। हालांकि अभी, मनरेगा योजना में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को भी ईपीएफ का लाभ देने की योजना है।
साथ ही मनरेगा योजना में कार्यरत 15 हजार रुपये से अधिक मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ देने की तैयारी है।
ईपीएफ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने बताया कि ग्राम विकास सचिव ने मनरेगा श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ देने संबंधी पत्र भेजा था।
जिसके बाद मनरेगा के श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ देने का खाका तैयार कर लिया है। फिलहाल शासन स्तर से मंजूरी मिलना बाकी है।
ऐसे में अगर शासन स्तर से मंजूरी मिल जाती है तो तत्काल प्रभाव से मनरेगा योजना के श्रमिकों को ईपीएफ का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि ईपीएफओ, पीआरडी जवानों और होमगार्डों को भी ईपीएफ का लाभ देना चाहता है। इसके लिए संबंधित विभागों से संपर्क भी साधा गया है।