उत्तराखण्ड

राज्यभर में मजदूरों के बंद किये गए पंजीकरण सेंटरों को पुनः खोले राज्य सरकारः संजय चोपड़ा

हरिद्वार:   दैनिक मजदूरी के कामगार राजमिस्त्री मजदूरों के उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा लक्सर, जसपुर, उधम सिंह नगर, पौड़ी, कोटद्वार इत्यादि क्षेत्रों में पंजीकरण सेंटर बंद किए जाने से नाराज श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करते हुए श्रमिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष, उत्तराखंड शासन श्रम बोर्ड के सदस्य संजय चोपड़ा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर ईमेल के माध्यम से मांग की भारत सरकार श्रम मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के दृष्टिगत राज्य भर में श्रमिकों के कल्याण हेतु राजमिस्त्री भवन निर्माण मजदूरों के हितों को सुरक्षित रखते हुए पुनः असंगठित क्षेत्रो के मजदूरों के पंजीकरण सेंटर तत्काल खोले जाने की मांग को दोहराया।

इस अवसर पर श्रमिक कल्याण परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा राज्य कर्मकार बोर्ड द्वारा कोरोनकाल के दौरान श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के नेतृत्व में असंगठित क्षेत्र के निर्माण मजदूरों को संगठित करने के उद्देश्यों की पूर्ति के साथ श्रमिको के पुत्रियों की विवाह में 1,00,000 (लाख) की अनुदान के रूप में सहायता राशि दिए जाने की योजना चलाई जा रही थी वहीं कामगार मजदूरों की श्रम के दौरान दुर्घटना मृत्यो में श्रमिकों के आश्रितों को घ् 3,10,000 की सहायता राशि दिए जाना तथा सामान्य मृत्यु पर 2,00,000 की सहायता राशि दिए जाने की योजना भी लागू की गई थी।

उन्होंने कहा कि पूर्वती कांग्रेस सरकार के दौरान असंगठित क्षेत्र के कामगार मजदूरों को इस प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में संगठित व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को उनके मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए कई जन कल्याणकारी योजनाए मजदूरों के आश्रितों के लिए चलाई जा रही है इसी के दृष्टिगत उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य भर में जो मजदूरों के पंजीकरण सेंटर बंद किये गए है उन्हें पुनः संगठित क्षेत्र व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रथमिकता के आधार पर सेंटरों का खोला जाना न्यायसंगत होगा।

उत्तराखंड राज्य भर में संगठित क्षेत्र व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बंद किये पंजीकरण सेंटर को खोले जाने की मांग करते श्रमिक नेता चंद्रेश यादव, धर्मेंद्र चैहान, शिवकुमार, कुंवर सिंह मण्डवल, आरएस रतूड़ी, चंदन सिंह रावत, महेंद्र बिष्ट, गोपाल पैन्यूली, राजेश शर्मा, नरेंद्र पाल, प्रभात चैधरी, जय सिंह बिष्ट आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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