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डीआईटी विश्वविद्यालय देहरादून का 9वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न, राज्यपाल गुरमीत सिंह ने 1257 विद्यार्थियों को प्रदान की उपाधियाँ

देहरादून, 13 दिसंबर । डीआईटी विश्वविद्यालय,

का 9वां दीक्षांत समारोह शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में भव्य एवं गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) श्री गुरमीत सिंह ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्री अनुज अग्रवाल, प्रधान सलाहकार श्री एन. रविशंकर (आईएएस, सेवानिवृत्त), कुलपति प्रो. जी. रघुरामा सहित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट एवं एकेडमिक काउंसिल के सदस्य उपस्थित रहे।

समारोह का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं शैक्षणिक शोभायात्रा के साथ हुआ। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह की औपचारिक घोषणा करते हुए दीक्षांत स्मारिका का लोकार्पण किया। कुलपति प्रो. जी. रघुरामा ने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों की शैक्षणिक व शोध उपलब्धियों को रेखांकित किया।

इस अवसर पर कुल 1257 स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी उपाधियाँ प्रदान की गईं। साथ ही विभिन्न पाठ्यक्रमों के मेधावी विद्यार्थियों को 29 स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
बी.टेक (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) बैच 2021-25 के छात्र विजेन्द्र सिंह को सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन के लिए श्री नवीन अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय का स्वर्ण पदक बी.फार्मेसी के छात्र बीरू चौहान को मिला।
बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग के छात्र अभय आनंद को रजत तथा बीए ऑनर्स मनोविज्ञान की छात्रा अदिति गुप्ता को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान इंटुइट के ग्रुप मैनेजर (एआई एवं डेटा) श्री मोहम्मद गुलरेज़ को विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं “ग्रेजुएट ऑफ द लास्ट डिकेड” गोल्ड अवार्ड 2025 लेफ्टिनेंट शौर्य प्रताप सिंह सेकवार (भारतीय नौसेना) को प्रदान किया गया।

राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह ने विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि निरंतर सीखने की भावना और आत्मविश्वास ही जीवन की चुनौतियों का सामना करने की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने युवाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में स्वयं को दक्ष बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने “राष्ट्र प्रथम” की भावना अपनाने, स्टार्टअप एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, महिला सशक्तिकरण तथा जिम्मेदार नागरिक बनने पर विशेष बल दिया। साथ ही डीआईटी विश्वविद्यालय की अनुसंधान-आधारित उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली और सुदृढ़ संगठनात्मक संरचना की सराहना की।

समारोह के अंत में कुलसचिव डॉ. सुरभि सचदेव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए सभी अतिथियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।

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