*हे! गणपति आराध्य*
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शत्रु दल निर्मूल हों फूल खिलें चहुंओर |
विघ्न हरें सिद्धि करें स्वर्णिम होवें भौर |
स्वर्णिम होवें भौर भावना न कलुषित हों |
हे गणपति आराध्य प्रकृति भी न दूषित हो |
कह कौशिक कविराय खुशियों के रखना हरपल |
सत्पथ श्रद्धा विवेक घात करे ना कोई शत्रुदल ||
*डॉ योगेश कौशिक पत्रकार*
*कोर्ट रोड, बागपत*
रिर्पोट :- सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी उत्तर प्रदेश।