8वें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी, 18 माह में देनी होंगी सिफारिशें प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट का फैसला, 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं अनुशंसाएं

नई दिल्ली (पीआईबी)। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दे दी गई।
सरकार के इस फैसले से देशभर के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में उत्साह है। आयोग को अपने गठन की तिथि से 18 महीनों के भीतर अनुशंसाएं प्रस्तुत करनी होंगी। आवश्यकता पड़ने पर आयोग किसी भी मुद्दे पर अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकेगा।
आठवां केंद्रीय वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा, जिसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल रहेंगे। आयोग को वेतन, पेंशन और अन्य सेवा शर्तों से संबंधित सिफारिशें तैयार करते समय देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय विवेक का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
आयोग निम्न बिंदुओं पर विशेष रूप से विचार करेगा —
देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय संतुलन की आवश्यकता।
विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना।
गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की वित्तीय स्थिति।
राज्यों की वित्तीय स्थिति पर आयोग की सिफारिशों का प्रभाव।
सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन व लाभों की तुलना।
पृष्ठभूमि:
केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर किया जाता है ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, सेवानिवृत्ति लाभों और अन्य सेवा शर्तों की समीक्षा की जा सके। हर दस साल में नया आयोग गठित किया जाता है। इस परंपरा के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, ताकि कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में आवश्यक बदलावों की समीक्षा कर सिफारिशें दी जा सकें।
सरकार का यह निर्णय कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।



