वैचारिक युद्ध मनभूमि पर लड़ा जा रहा है : पदम जी

विश्व संवाद केंद्र, देहरादून द्वारा प्रकाशित ‘हिमालय हुंकार’ पाक्षिक पत्रिका के दिवाली विशेषांक धर्मो रक्षति रक्षित: ‘भारतीय संविधान अनुच्छेद 26 विविधता से अखंडता तक’ का विमोचन
देहरादून १५ अक्टूबर । विश्व संवाद केंद्र, देहरादून द्वारा प्रकाशित ‘हिमालय हुंकार’ पाक्षिक पत्रिका के दिवाली विशेषांक का विमोचन समारोह आज आईआरडीटी सभागार, देहरादून में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्रीमान पदम जी तथा कार्यक्रम अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. जयवीर सिंह नेगी जी रहे।
कार्यक्रम का संचालन विभाग प्रचार प्रमुख श्रीमान गजेन्द्र खण्डूरी जी द्वारा किया गया।
अपने प्रेरणादायी संबोधन में श्री पदम जी ने सबसे पहले सभी उपस्थितजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय वैचारिक युद्ध का काल है — यह रणभूमि पर नहीं, बल्कि “मनभूमि” पर लड़ा जा रहा युद्ध है।
उन्होंने कहा कि “जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।”
यह केवल आस्था का नहीं, बल्कि भारतीय जीवनदृष्टि का शाश्वत सिद्धांत है।
श्री पदम जी ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम परिवार और समाज की परिकल्पना को पुनः प्रतिष्ठित करें, क्योंकि परिवार ही राष्ट्र की मूल इकाई है। सुदृढ़ परिवार से ही सशक्त समाज और सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है।
उन्होंने कहा कि विश्व संवाद केंद्र समाज के हित में सकारात्मक विमर्श को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है।
आज के समाज में वैचारिक युद्ध को समझने के लिए तत्त्व-बोध से पहले आत्म-बोध का ज्ञान होना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में पाँच प्रमुख परिवर्तनों — सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी भाव का जागरण तथा नागरिक कर्तव्य पालन — पर विशेष बल दे रहा है।
श्री पदम जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी शताब्दी के अवसर पर सेवा, समर्पण और राष्ट्रहित के कार्यों के प्रति वैश्विक विश्वास को और सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है।
‘हिमालय हुंकार’ पत्रिका का यह दिवाली विशेषांक भारतीय संस्कृति, परंपरा, सामाजिक जीवन और राष्ट्र निर्माण के विषयों पर केंद्रित है। इस विशेषांक में कई विद्वानों, चिंतकों और समाजसेवियों के लेख संकलित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य पाठकों में देशभक्ति, आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार करना है।
समारोह में शहर के अनेक बौद्धिक, सामाजिक एवं शैक्षिक क्षेत्रों से जुड़े गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विशेष रूप से श्री शाक्त ध्यानी जी (संपादक, हलंत पत्रिका), श्री राजकुमार टोंक जी (सचिव, विश्व संवाद केंद्र), श्री संजय जी (प्रांत प्रचार प्रमुख), श्री बृजेश बनकोटी जी (प्रांत सह प्रचार प्रमुख), श्री धनंजय जी (विभाग प्रचारक), श्री अरुण शर्मा जी (विभाग सह कार्यवाह), श्री गजेन्द्र खण्डूरी जी (विभाग प्रचार प्रमुख), श्री प्रदीप आनंद जी, श्री प्रेम चमोला जी, श्री मनीष बागड़ी जी सहित अनेक स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहे।
सभी उपस्थित जनों ने ‘हिमालय हुंकार’ के इस विशेषांक की सराहना की और पत्रिका के माध्यम से समाज में सशक्त वैचारिक संवाद और राष्ट्र चेतना के प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।