उत्तराखण्डराजनीति

देशविरोधी और माहौल खराब करने की कोशिशे नही होने देंगे सफल : चमोली

युवाओं के आंदोलन मे आजादी के नारे जेएनयू के देशद्रोहियों से प्रेरित : चमोली

विघटनकारी और अराजक शक्तियों से युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत: भाजपा

देहरादून 25 सितम्बर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक श्री विनोद चमोली ने बेरोजगार संघ आंदोलन में आजादी आजादी के नारों पर चेताते हुए देवभूमि के राष्ट्रभक्त युवाओं से सतर्क रहें की अपील की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों में नकल को संरक्षण देने की परिपाटी बनी और हमने कठोर नकल कानून से उस पर पूरी तरह रोक लगाई। अब विपक्ष पुनः इस मुद्दे पर पर्दे के पीछे से विघटनकारी और माहौल खराब करने वाली राजनीति कर रहा है। लेकिन प्रदेश सरकार और राष्ट्रवादी जनता ऐसी कोशिशों को कभी सफल नहीं होने देगी।

उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पेपर लीक के ऐसे मामले सबसे पहले प्रकाश में आए, पटवारी भर्ती घोटाला और दरोगा भर्ती घोटाला से, जो कांग्रेस के शासन में हुआ था। लेकिन कांग्रेस ने कभी उसको गंभीरता से नहीं लिया था। तभी उस समय कड़े कदम उठाए जाते तो आगे ऐसी प्रक्रिया रुकती और इस तरह की स्थितियां नहीं पैदा होती। हालांकि जब 2017 में हमारी सरकार आई और 2021 में यह सारे नकल के मामले सामने आए तो हमारी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की। 120 लोग जेल की सलाखों के पीछे गए, जिसमें आईएएस और मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे, जैसे बड़े बड़े अधिकारी भी शामिल थे। विषय की गंभीरता को देखते हुए, हम एक कठोर नकल विधेयक लेकर आए, जिसकी देशभर में प्रशंसा हो रही है। इस कानून में 10 करोड़ तक के जुर्माने और आजीवन कारावास की व्यवस्था है। जिसके लागू होने के बाद, इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगी थी। अभी इस प्रकार यह एक घटना सामने आई है, जिसमें अभी बहुत से तथ्य आने बाकी हैं। ऐसे में जांच निष्कर्ष तक पहुंचेगी तो मालूम होगा क्या और कहां लापरवाही हुई है। फिलहाल प्राथमिक दृष्टि जो भी दोषी पाए जा रहे हैं उनपर कार्रवाई हो रही है। ऐसे में जब भी जांच पूर्ण हो जाएगी और कसूरवार या षड्यंत्रकारियों के नाम सामने आ जायेंगे। उसपर नकल कानून के अनुशार कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

वहीं उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, इस आंदोलन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं।
ये नारे जेएनयू में कन्हैया कुमार, खालिद जैसे देशद्रोहियों द्वारा लगाए नारों की तरह थे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस तरह की अराजक मानसिकता वाले लोग आंदोलन का का लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमारे उत्तराखंड का युवा राष्ट्रभक्त युवा है और उत्तराखंड का देशभक्ति का इतिहास रहा है। वहीं चेताते हुए कहा, हमारे बीच घुसकर कोई हमें आजादी की बात सिखाने लगे, हमे कतई स्वीकार नहीं है। उन्होंने अपील की कि हमारे युवाओं को भी ऐसी ताकतों से सतर्क रहने की जरूरत है। हमारा प्रदेश सीमावर्ती क्षेत्र है इसलिए ऐसे षड्यंत्र कार्यों से सावधान रहने की जरूरत है। आंदोलन का जो लोकतांत्रिक तरीका है उसे युवा बढ़ाएं अपनी बात को सही तरीके से आगे रखें, उनका स्वागत है। लेकिन युवाओं की आड़ में कोई विघटनकारी तत्व माहौल बिगड़ने की कोशिश करेगा तो सरकार उनपर निश्चित तौर पर सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी।

वहीं उन्होंने विपक्ष को भी आईना दिखाते हुए कहा कि प्रदेश की जनता शुरुआत से ही नकारात्मक राजनीति को अस्वीकार करती रही है। जब राज्य निर्माण हुआ तो बहुत से लोगों ने आंदोलन के नाम पर अपनी नकारत्मक राजनीति चमकाने की कोशिश की, लेकिन प्रदेश की महान जनता ने उन्हें चुनाव में सिरे से नकार दिया था। उसके बाद भी, राज्य के विकास विरोधी और उसकी छवि खराब करने की दृष्टि से नकारात्मक राजनीति की गई जनता ने लोकतांत्रिक तरीकों से उन्हें भी सबक सिखाया है।

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