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श्रीरामलीला महोत्सव का विधिवत शुभारंभ, मानस सिंघल,भाजपा नेता व कोतवाली प्रभारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ, प्रथम दिन नारद मोह लीला का मंचन,वानर रूप देने से नारद कुपित विष्णु को दिया श्राप

कैराना,शामली। कस्बे के गऊशाला भवन में श्रीरामलीला महोत्सव का विधिवत रूप से शुभारंभ हो गया। प्रथम दिन रंगमंच पर नारद मोह लीला का मंचन किया गया। लीला को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
जानकारी के अनुसार कस्बे के गऊशाला स्थित श्रीरामलीला रंगमंच पर रामलीला महोत्सव का विधिवत रूप से शुभारंभ हो गया। लीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि मानस सिंघल, भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल चौहान व कोतवाली प्रभारी समयपाल अत्रि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मानस सिंघल ने कहा कि हमें श्री राम के आदर्शो को अपना कर चलना चाहिए। भाजपा नेता अनिल चौहान ने कहा कि वे बचपन से ही रामलीला देखने के लिए आते रहे है। मेरा सौभाग्य है कि जिस रामलीला को देखकर वे बडे हुए, आज उसी का उद्घाटन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें श्रीराम के आदर्शो को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। कोतवाली प्रभारी समयपाल अत्रि ने कहा कि रामलीला का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात है। गऊशाला में होने वाली रामलीला का पिछले निरंतर कई वर्षों से निर्बाध रूप से मंचन होता आ रहा है जिसके लिए श्रीरामलीला कमेटी के प्रयास सराहनीय हैं। इसके बाद नारद मोह लीला का शुभारंभ हुआ। लीला में दिखाया गया कि महर्षि नारदजी विचरते हुए हिमगिरी कैलाश पर पहुंचते हैं और एक स्थान पर तपस्या में लीन हो जाते हैं, इससे इंद्र का सिंहासन डोल जाता है। गुप्तचर आकर बताते हैं कि नारदजी तप कर हैं, जिस पर इंद्र को अपना सिंहासन छीननें का डर सताने लगता है। वह कामदेव व अप्सराओं को नारदजी का तप भंग करने के लिए भेजते हैं, लेकिन विफल हो जाते हैं। इससे नारदजी को अभिमान हो जाता है। नारद जी अपना यशोज्ञान करने ब्रह्माजी के पास जाते हैं जो उन्हें भगवान विष्णु के पास भेज देते हैं। नारद जी का मोहभंग करने के लिए भगवान विष्णु विश्वमोहिनी का रूप धारण कर नारदजी को मोहित कर देते हैं। इस पर नारद विष्णु जी से उनका रूप मांगने पहुंच जाते हैं और भगवान विष्णु उन्हें वानर का रूप देते हैं। इससे पूर्व नारद जी शीलनिधि की पुत्री विश्वमोहिनी का हाथ देखकर बताते हैं कि वह बहुत ही भाग्यशाली हैं। स्वयंवर में नारद जी काफी प्रयास करते हैं परंतु विश्वमोहिनी चुपचाप विष्णु भगवान के गले में माला डाल देती हैं। नारद जी बहुत क्रोधित होते हैं और शंकर भगवान के गणों को श्राप देते हैं कि ‘तुम अगले जन्म में राक्षस बनोगे। नारद जी विष्णु भगवान पर भी काफी क्रोधित होते हैं और उन्हें भी श्राप देते हैं कि जिस प्रकार मैं पत्नी के वियोग में तड़प रहा हूं अगले जन्म में तुम भी उसी प्रकार पत्नी के वियोग में तड़पोगे l सूत्रधार का अभिनय आलोक गर्ग, शिव शर्मा, नारद जी का पंडित सम्मोहित शर्मा, इंद्र का रोहित नामदेव, कामदेव का काका सिंघल, शिलनिधि वाशु मित्तल, विष्णु जी का सतीश प्रजापत, लक्ष्मी जी का शिवम गोयल, गण का आशु गर्ग, सोनू कश्यप ने किया l इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप, सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा, रोहित प्रमोद गोयल डाक्टर रामकुमार गुप्ता अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, शगुन मित्तल एडवोकेट सभासद राकेश गर्ग, राकेश सिंघल डिंपल अग्रवाल अमित सिंघल (काल प्रभारी), राकेश प्रजापत राजेश नामदेव ,पुनीत कुमार गोयल,मनोज कुमार मित्तल सोनू नेता,अभिषेक गोयल विजय नारायण सागर गर्ग रविन्द्र कुमार अनुज प्रजापति,अनिल गोयल सुनील कुमार टिल्लू आशीष सैनी अनमोल शर्मा अमन गोयल विराट नामदेव पंकज सिंघल सुशील सिंघल निक्की रणवीर कश्यप काका राकेश गोयल अतुल एडवोकेट , आशीष नामदेव शिवम गोयल, अभिषेक गोयल, अश्विन सिंघल, नरेश सचिन शर्मा ,काका अंकित जिंदल सागर मित्तल अभिषेक भारद्वाज तुषार वर्मा अमित कुमार सैन आदि मौजूद रहे l इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से चौकी प्रभारी किला गेट विनोद कुमार राघव के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात रहा ओर पालिका की ओर से विशेष सफाई व्यवस्था कराते हुए कली चुने आदि की व्यवस्था कराई गई l नारद का व कामदेव का अभिनय मनमोहक रहा। सुनील कुमार टिल्लू द्वारा झांकियों की सुन्दर व्यवस्था की गई थी।

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।

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